धीरे-धीरे बोल कोई सुन ना ले……….

Mukesh Kumar

सिने जगत के मशहूर गायक मुकेश कुमार की स्मृति में संगीत साधना संस्थान द्वारा मुकेश नाइट का आयोजन मूनलाईट सिनेमा हॉल में किया गया। बाल भारती इन्टरनेशनल के प्रबन्ध निदेशक भागीरथमल पचार के मुख्य आतिथ्य एवं समाजसेवी श्रीचन्द पारीक की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि दिनेश थदाणी, अभिषेक कोटिया, आईएमसी के जगदीश सैन और मदनलाल इनाणिया थे। जसवन्तगढ़ के गायक रामप्रसाद करवा ने मुकेश कुमार के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में जानकारी दी।

मरूदेश संस्थान अध्यक्ष साहित्यकार घनश्यामनाथ कच्छावा, संजीवनी सेवा संस्थान की सुनीता रावतानी और कैप्टन हनुमान चंदेलिया ने भी विचार व्यक्त किये। मुकेश कुमार के चित्र पर पुष्पांजली के बाद शुरू हुए कार्यक्रम में सांवरमल प्रजापत व किरण रतनगढ़ ने धीरे-धीरे बोल कोई सुन ले, हरिप्रसाद सारस्वत ने बरखा रानी जरा, बालकृष्ण तिवाड़ी ने दीवानों से ये, जाकिर अब्बासी झुंझुनूं ने मुबारक हो सब को, मेघराज बीकानेर ने मुबारक हो सब को, आदित्य करवा ने डम-डम डिग्गा-डिग्गा, अक्षय भोजक और भारती ने मिले हम तुम चोरी से, राजेन्द्र दडिय़ा झुंझुनू ने मैं पल दो पल का, निश्चय सैन ने जाने कहां गये वो दिन, शिव कुमार शर्मा ने हम तुमसे मुहब्बत, विनोद सैन ने वो तेरे प्यार का गम, चिकू करवा ने क्या खूब लगती हो, विकास सोनी ने कहीं दूर जब दिन ढ़ल जाये, नरेन्द्र प्रजापत ने आ लौट के आजा, आनन्दसिंह शेखावत ने सारंगा तेरी याद में आदि गीतों की कर्णप्रिय प्रस्तुतियां दी। जिन पर श्रोता झूम उठे। ललित शर्मा, गिरधारी काबरा, रफीक राजस्थानी, जवाहर कटारिया ने अतिथियों का स्वागत किया। संस्थान अध्यक्ष शंकर माहेश्वरी ने आभार व्यक्त किया। संचालन निकिता पारीक व गगन शर्मा ने किया।

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