
आजादी आन्दोलन में अहम भुमिका निभाने वाले विजयसिंह पथिक की पुण्य तिथि शनिवार को नया बास स्थित शिव शक्ति मन्दिर में मनाई गई। बिजौलिया आंदोलन के प्रणेता पथिक को श्रद्धांजली देते हुए पथिक सेना संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष महावीर पोसवाल ने कहा कि पथिक जी की चार पीढ़ियों ने राष्ट्र के लिए प्राणों की आहुतियां देकर देश को आजाद करवाया। ऐसा उदाहरण पूरे विश्व में देखने को नहीं मिलता। किसानों की करूण पुकार को पथिकजी ने बिजौलिया आंदोलन का रूप देकर ब्रिटिश सरकार की जड़ें हिला दी थीं।
ऐसे महान् देशभक्त को याद न करना सरकारों के लिए दुर्भाग्य की बात है। पोसवाल ने कहा कि जो सरकारें देशभक्ति का ढिंढ़ोरा पीटती हैं, वो केवल वोटों का धुव्रीकरण करने का प्रयास कर रही हैं, जबकि सच्चे देशभक्तों से उनका कोई वास्ता नहीं है। पोसवाल ने कहा कि इतने बड़े देशभक्ति को आजादी के बाद गुमनामी का जीवन जीना पड़ा। सरकार, जनता चाहे उन्हें भूल जाये, लेकिन पथिकजी का कृतित्व और व्यक्तित्व पूरे विश्व के सामने अपनी अमिट छाप छोड़ रहा है। कार्यक्रम में चाड़वास के सरपंच प्रतिनिधि रामदेव गोदारा, संगठन के जिलाध्यक्ष शेरसिंह धाभाई, सुप्रभात संस्थान के अध्यक्ष राजूसिंह भाटी, मुकेश, जितेंद्र भार्गव, धनराज घोड़ेला, सुरेंद्र भार्र्गव, गणपत सोनी, सज्जन सैन, शंकर लीलू, बाबूलाल गुर्जर, कालूराम गुर्जर, पार्षद महावीर प्रसाद जांगिड़ सहित अनेक लोगों ने पथिकजी को श्रद्धांजली अर्पित करते हुए उनके बलिदान को याद किया।