राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों के बारे में केन्द्र सरकार के पास कोई सूचना उपलब्ध नहीं है। जबकि इन राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों के बारे में देश के विद्यालयों में बरसों से पढ़ाया जा रहा है, समाचार पत्रों में लिखा जा रहा है तथा टी.वी. पर न्यूज चैनलों में दिखाया जा रहा है। कस्बे के धर्मसिंह मीणा ने अपने अधिवक्ता बनवारीलाल खीचड़ के मार्फत केन्द्र सरकार से राष्ट्रीय गीत, राष्ट्रीय पशु, राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय पुष्प, राष्ट्रीय गान, राष्ट्रीय नदी, राष्ट्रीय फल, राष्ट्रीय ग्रंथ, राष्ट्रीय वृक्ष, राष्ट्रीय पुरूस्कार, राष्ट्रीय नारा, राष्ट्रीय जलीय जीव, राष्ट्रीय विरासत, राष्ट्रीय मिठाई, राष्ट्रीय पेय, राष्ट्रीय पौशाक, राष्ट्रीय स्मारक, राष्ट्रीय खेल, राष्ट्रपिता, राष्ट्रीय पक्षी के बारे में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने जानकारी के लिए युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय को धर्मसिंह मीणा के आवेदन को स्थानान्तरित किया था। मंत्रालय के अवर सचिव एवं जनसूचना अधिकारी शिवप्रतापसिंह तोमर ने अपने जवाब में बताया है कि युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया है। वहीं गृह मंत्रालय के निदेशक (ए एण्ड वी) एवं केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी अनुज शर्मा ने अपने जवाब में बताया कि राष्ट्रीय ध्वज को 22 जुलाई 1947 को अंगीकार किया था, अन्य वांछित सूचना उनके पास उपलब्ध नहीं है।
गृह मंत्रालय व युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय से मिले जवाब के बाद धर्मसिंह मीणा ने अपने अधिवक्ता एड. बनवारीलाल खीचड़ के मार्फत प्रधानमंत्री एवं खेल मंत्री को पत्र प्रेषित कर हॉकी को राष्ट्रीय खेल घोषित करने की मांग की है।