भारत को भारत वर्ष ही बोलना चाहिए ना कि इंडिया : मुनि प्रमाण सागर महाराज

sujangarh jain

स्थानीय भंवरलाल काला बाल मन्दिर प्रांगण में विघालय के ६० वर्ष पूर्ण हो जाने के उपलक्ष्य में मगंलवार को कार्यक्रर्मो के अन्तर्गत विराजमान मुनि प्रमाण सागर महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि आज हम अपनी मातृ भाषा हिन्दी को भूल अग्रेंजो का अनुसरण करने की अंधाधुन होड़ में लगे हुवै है। यह हमारी भावी पिढीयों व राष्ट्र के हित में नही है। यह सामंतवादी परम्परा का राष्ट्र में जड़े जमा लेने का एक मीठा जहर है जो धीरे-धीरे अपना असर करता दिखाई दे रहा है। हमें अपनी भाषा हिन्दी और शिक्षा के स्तर को उंचा उठाने का भस्रक प्रयास करना चाहिए इसी में हमारा व राष्ट्र का हित है। हमें भारत को भारत वर्ष ही बोलना चाहिए ना कि इंडिया।

कार्यक्रमो की जानकारी देते हुए संस्था के उपाध्यक्ष विनोद काला ने बताया कि ६० वर्षो से संचालित यह सस्ंथा शिक्षा के क्षेत्र में अपना सत्तत और अमूत पूर्व योगदान दे रही है। यंहा विराजमान मुनि प्रमाण सागर व मुनि विराट सागर महाराज ने मुनि चर्चा के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कलकता के सुमन पाटनी, समाज के अध्यक्ष विमल पाटनी, पारसमल बगड़ा, सुनील जैन सडूवाला, सुभाष बगड़ा, किरण काला, प्रेमचन्द बगड़ा, डॉ. सरोज बगड़ा, उम्मेद सिंह, आदित्य दीक्षित, राकेश गुप्ता, गरिमा शर्मा, मीनाक्षी सोनी, आदि मौजुद थे। कार्यक्रम में विधायक खेमाराम मेघवाल ने शिरकत की। विधायक का स्वागत विनोद काला, सुनील जैन, विमल पाटनी, पारसमल बगड़ा, ने शाल ओढाकर व तिलक लगाकर अभिन्नदन किया। कार्यक्रम में निर्मला देवी सेठी, प्रेमबाई सेठी आदि का प्रथम बैच के विधार्थी होने पर शाल ओढाकर स्वागत किया गया।

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