बाल विवाह रोकने के लिए सामाजिक चेतना जरूरी – नेपालसिंह

child marriage

एडीजे नेपालसिंह ने बाल विवाह को रोकने के लिए सामाजिक चेतना पर बल देते हुए कहा कि सामाजिक कुरीति को रोकने के लिये जन जागृति जन चेतना के सामूहिक प्रयास से समाज में जागृति लाकर बाल विवाह कानून की जानकारी देने और इसके दुष्प्रभाव से अवगत करवाने से बाल विवाह पर नियंत्रण किया जा सकता है । एडीजे नेपालसिंह शुक्रवार को अभिभाषक संघ के द्वारा आयोजित बाल विवाह ,बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओं एवं आगामी 9 मई से लोक अदालत राजस्व अभियान को लेकर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे।

उन्होने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढाओ दोनो अभियान एक दूसरे पूरक है बेटी शिक्षित होने पर दो परिवारो को उत्थान करती है। आगामी 9 मई से लोक अदालत राजस्व अभियान में सफल बनाने के लिये अधिवक्ताओं के सहयोग को आवश्यक बताया। एसीजेएम सुरेन्द्र सिंह सांधू, मुंसिफ न्यायिक मजिस्टेट सुरेन्द्र कौशिक, उपखण्ड अधिकारी अजय आर्य, तहसीलदार सुशील कुमार सैनी ने अक्षय तृतीया पर होने वाले बाल विवाह को समाजिक कुरीति बताते हुए कहा सामूहिक प्रयास कर जन चेतना से इसे नियन्त्रण करने में सफलता हासिल की जा सकती है। इस मौके पर अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अशोक पारीक ने सभी का अभार व्यक्त करते हुए कहा कि समाजिक बुराई रोकने के लिये समाजिक चेतना जरूरी है।

लोक अदालत राजस्व अभियान को सफल बनाने के लिये सामूहिक प्रयास कर दोनो पक्षों का ेसमझाईश कर मामलों को निपटाने से इस अभियान की सार्थकता पर बल दिया। अधिवक्ताओं से निवेदन किया की इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग करे। उपखण्ड अधिकारी अजय आर्य ने अक्षय तृतीया पर होने वाले बाल विवाह, बेटी बचाओ, बेटी पढाओ, 9 मई से शुरू होने वाले लोक अदालत राजस्व अभियान के बारे में जानकारी देते हुए सहयोग की अपेक्षा की। वकील सुरेन्द्र मिश्रा ने बेटी बचाओ पर आधारित लोक गीत प्रस्तुति देकर बेटी बचाओ एवं बेटी पढाओ का संदेश दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता निरन्जन सोनी, भंवरलाल शर्मा ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट सुरेन्द्र मिश्रा ने किया।

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