कस्बे के होली धोरा निवासी बाबू खां ने नगरपरिषद सभापति सिकन्दर अली खिलजी से स्थापना शाखा के लिपिक अखिलेश पारीक एवं आयुक्त देवीलाल बोचल्या के खिलाफ न्यायालय के आदेश की अवमानना की कार्यवाही नहीं करने की शिकायत की है। पत्र में बाबू खां ने लिखा है कि फतेहपुरिया सरोवर के पास स्थित नगरपरिषद की भूमि पर दो जनों ने अतिक्रमण कर रखा है, जिनके बारे में बार-बार शिकायत करने पर तत्कालीन आयुक्त ने 17 फरवरी 14 को आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पुलिस को लिखा था, लेकिन पुलिस आज दिन तक एफआईआर दर्ज नहीं की। वर्तमान आयुक्त देवीलाल बोचल्या ने उक्त प्रकरण को ठण्डे बस्तें में डाल दिया और पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं करने पर कोई कार्यवाही नहीं की।
इसमें स्थापना शाखा का लिपिक अखिलेश पारीक ने उक्त प्रकरण की कोई पत्रावली तैयार कर आदेशार्थ आयुक्त के समक्ष पेश नहीं की। पत्र में आयुक्त व लिपिक पर पद का दुरूपयोग करते हुए आरोपियों से सांठ-गांठ कर अनुचित लाभ प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है। पत्र में आरोप है कि लिपिक ने अतिक्रमियों को न्यायालय से स्टे लाने का सुझाव दिया था। जिस पर दोनो अतिक्रमियों ने न्यायालय से स्टे प्राप्त कर लिया। स्टे के बावजूद अतिक्रमियों ने पानी-बिजली के कनेक्शन ले लिये, भुखण्ड में पानी की कुई खोद ली तथा पक्का निर्माण करवा लिया। जिसके बारे में सूचना देने पर जमादार ने भी अपनी रिपोर्ट नगरपरिषद में पेश की। लेकिन लिपिक एवं आयुक्त ने न तो अतिक्रमियों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज करवाई और न ही न्यायालय में आदेश की अवमानना की कार्यवाही प्रस्तुत की। पत्र में आयुक्त व लिपिक पर नगरपरिषद की भुमि को खुर्द-बुर्द करने में अतिक्रमियों का सहयोग करने का आरोप लगाया गया है।
पत्र में छगनलाल बनाम भींवाराम का उल्लेख करते हुए लिखा है कि उक्त प्रकरण में भी 17 नवम्बर 14 को न्यायालय ने स्टे आदेश जारी करते हुए इजाजत तामिर के बिना निर्माण नहीं करने की हिदायत दी थी। जबकि भींवाराम ने स्थगन आदेश के बावजूद निर्माण कार्य चालू रखा। छगनलाल द्वारा शिकायत करने पर गंगाराम, सफाई निरीक्षक मन्नालाल, हल्का जमादार नोरतन व पुखराज ने मौके का निरीक्षण कर मौके पर स्टे के बावजूद निर्माण कार्य चालू पाया। जिस पर 27 दिसम्बर 14 को गंगाराम ने मौका फर्द बनाकर न्यायालय के आदेश की अवमानना का स्पष्ट उल्लेख किया। जिस पर लिपिक एवं आयुक्त ने अवमानना की कोई कार्यवाही नहीं की। पत्र में बाबू खां ने नगरपरिषद को भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है। शिकायत पर सभापति सिकन्दर अली खिलजी ने आयुक्त को जांच करवाकर कार्यवाही से अवगत करवाने को लिखा है।
इनका कहना है –
अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है, ये सफाई निरीक्षक के अधिकार क्षेत्र में है। जिसकी रिपोर्ट एसआई आयुक्त को पेश करता है। मेरे पास ना तो अतिक्रमण से सम्बन्धित कोई फाईल है और ना ही न्यायालय के आदेश की अवमानना के बारे में किसी ने कोई रिपोर्ट मेरे समक्ष प्रस्तुत की है।
अखिलेश पारीक लिपिक नगरपरिषद सुजानगढ़
अतिक्रमण के बारे में जो शिकायत हुई है, वह मेरे आने से पहले के हैं तथा किस-किस अतिक्रमण पर पुलिस थाने व न्यायालय में मुकदमें चल रहे हैं यह मैं आपको कल फाइल देखकर बता सकता हूं।
देवीलाल बोचल्या आयुक्त नगरपरिषद सुजानग