समाज के विकास में प्रतिभाएं धुरी की भूमिका निभाती हैं, इसलिए प्रतिभाओं का प्रोत्साहन समय की आवश्यकता है। उक्त विचार विश्वकर्मा जयंती पर आयोजित सम्मान समारोह में व्यक्त करते हुए मांडेता आश्रम के महंत स्वामी कानपुरी महाराज ने कहा कि प्रेम, भाईचारा और आपसी सद्भाव से ही समाज में मानवता का सच्चे अर्थो में विकास संभव है। मुख्य अतिथि विद्युत विभाग के अधिशाषी अभियंता आशाराम जायलवाल ने समाज में खान, पान, व्यवहार व वैचारिक शुद्धता पर बल दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता तेजाराम जांगिड़ ने की। जांगिड़ भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में रूक्मणीदेवी सहित अनेक भामाशाहों का सम्मान किया गया। समिति अध्यक्ष जर्नादन जांगिड़, मंत्री गिरधारीलाल ने प्रशस्ति पत्र, रजत पदक व पुष्पाहार से भामाशाहों का सम्मान किया।
इस अवसर पर डॉ. सत्यनारायण जांगिड़, नीलम जांगिड़, राकेश जांगिड़ आदि ने विचार प्रकट किये। चित्रकला व मेंहदी प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में -विश्वकर्मा ज्ञान प्रकाश.. का विमोचन किया गया। संचालन एडवोकेट घनश्याम नाथ कच्छावा ने किया। इससे पहले भगवान विश्वकर्मा की शोभायात्रा कस्बे के मुख्य मार्गों से निकाली गई।