
वेंकटेश्वर मन्दिर में आयोजित ब्रह्मोत्सव में गुरूवार को भगवान वेंकटेश का विवाह सम्पन्न हुआ। विगत पांच दिनों से लगातार चल रहे ब्रह्मोत्सव के पांचवे दिन गुरूवार को सुबह से श्रद्धालुओं का मन्दिर में आने का सिलसिला शुरू हुआ, जो देर शाम को भगवान का विवाह सम्पन्न होने तक अनवरत जारी रहा। भगवान के विवाह के समय उपस्थित महिलाओं ने मंगल गीत गाये तथा हरिकीर्तन किया। वेंकटेश्वर फाउण्डेशन की ट्रस्टी मंजूदेवी जाजोदिया ने बताया कि गुरूवार को प्रात:पूजा (अभिषेक) के पश्चात हवन किया गया। उसके बाद वेद पाठ, उत्सव हुए। उसके पश्चात भोग लगाने के बाद भगवान की आरती की गई। शाम को फिर से हवन, पाठ, उत्सव के कार्यक्रम सम्पन्न होने के पश्चात गोष्ठी प्रसाद का वितरण किया गया।
दोपहर में कल्याणोत्सव (भगवान का विवाह) सम्पन्न हुआ। विवाह से पूर्व भगवान वेंकटेश, भू देवी एवं श्रीदेवी को सप्त नदियों के नामोच्चारण साथ स्नान करवाया गया। उसके बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान का श्रंगार किया गया। पुष्प एवं पुष्प मालाओं तथा रेशमी दुपट्टों से सजी भगवान की अलौकिक झांकी के उपस्थितजनों ने दर्शन कर स्वयं को कृतार्थ महसूस किया। मन्दिर का पूरा वातावरण वेंकटेश भगवान के नाम एवं जयकारों तथा हरिकीर्तन से गुंजायमान हो रहा था। भगवान के विवाह के समय मन्दिर का विशाल परिसर भी छोटा पड़ गया। मन्दिर के व्यवस्थापक मोहनसिंह राठौड़ ने बताया कि 5 फरवरी शुक्रवार को 108 कलश का अभिषेक, चक्रस्नान, पूर्णाहूति, पुष्प अभिषेक, शाम को भजन संध्या, ध्वजारोहण एवं गोष्ठी आदि धार्मिक आयोजन सम्पन्न होंगे।