सुजानगढ़ नगरपरिषद का बजट सभापति सिकन्दर अली खिलजी की अध्यक्षता में बुधवार को 18718 . 93 लाख रूपये के आय-व्यय का बजट सदन के पटल पर रखा गया। 359.85 लाख रूपये के लाभ के बजट को चर्चा के बाद पारित कर पास करने के लिए राज्य सरकार को भेजे जाने की अनुशंषा की गई। बजट बैठक शुरू होते ही भाजपा के पार्षद श्यामनारायण राठी ने नगरपालिका अधिनियम का उल्लेख करते हुए 15 फरवरी के बाद बजट पेश करने को गलत बताते हुए बजट पेश करने में हुई देरी का कारण जानना चाहा। जिस पर आयुक्त देवीलाल बोचल्या ने स्वीकार करते हुए बताया कि मण्डल को बजट पास करने का अधिकार नहीं है, लेकिन बजट प्रस्ताव लेकर स्वीकृत करवाने के लिए राज्य सरकार के पास भेजा जायेगा। इस पर परिषद के उपाध्यक्ष बाबूलाल कुलदीप ने कहा कि आयुक्त ने सदन को गुमराह किया है।
सभापति सिकन्दर अली खिलजी ने भविष्य में नियमों का ध्यान रखने की हिदायत दी। पार्षद श्यामलाल गोयल ने कहा कि पिछले 15 वर्षोँ से भाजपा का बोर्ड रहा है, आपने तो कभी समय पर बजट पेश नहीं किया और अब नियमों की दुहाई दे रहे हैं। आप करें तो भावना है और हम करें तो नियमों/कानून की अवहेलना है। इसके पश्चात परिषद के लेखाकार हुक्माराम चाहर ने नगरपरिषद का 359.85 लाख रूपये के अधिशेष का 18718.93 लाख रूपये का बजट प्रस्ताव पेश किया। बजट पर चर्चा करते हुए पार्षद तनसुख प्रजापत ने भवन व भूमि कर/गृह कर से प्रस्तावित 35 लाख की आय को अप्रासंगिक बताते हुए कहा कि पिछले बजट में भी इस मद में इतनी ही राशि का प्रावधान रखा गया था, लेकिन आय मात्र 61 हजार रूपये हुई। जिसके कारण बजट काल्पनिक लग रहा है। प्रजापत ने कहा कि ये वसूली है और नगरपरिषद वसूली क्यों नहीं कर रही है। प्रजापत ने इजाजत तामिर को लेकर कहा कि शहर में बड़े-बड़े कॉम्पलैक्स बन रहे हैं, फिर भी इस मद से आय कम रखी गई है। तो क्या नगरपरिषद से इजाजत ली नहीं जाती है? प्रजापत ने आपणी योजना के तहत रोड़ कटिंग के लिए जिम्मेदार कम्पनी से राशि वसूलने की बात कहते हुए बजट के आंकड़ों को हकीकत से दूर बताया।
पार्षद ने सफाई कर्मचारियों को वर्दियां देने की मद पर बोलते हुए कहा कि कर्मचारियों को वर्दियां नहीं दी जा रही है, जबकि प्रावधान प्रतिवर्ष रखा जा रहा है। इस पर आयुक्त ने जवाब दिया कि कर्मचारियों को वर्दी का पैसा दिया गया है। गणेश मण्डावरिया ने नगरपरिषद के किराये की मद पर चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान भवन में कार्यालय संचालित है तो किराये के भवन की आवश्यकता क्यों है। श्यामनारायण राठी ने कहा कि बिना किसी तकनीकी रिपोर्ट के भवन को असुरक्षित घोषित कैसे कर सकते हैं। जिस पर उपसभापति बाबूलाल कुलदीप ने कहा कि तत्कालीन सभापति डा. विजयराज शर्मा के समय कार्यालय को रैन बसेरा में स्थानान्तरित करने पर चर्चा हुई थी।
सभापति सिकन्दर अली खिलजी ने कहा कि बजट में प्रस्ताव लिये बिना तकनीकी रिपोर्ट पर काम कैसे होगा। गणेश मण्डावरिया ने बाल्मिकी बस्ती में नाला ठीक करवाने की मांग की। जिस पर उपसभापति बाबूलाल कुलदीप ने कहा कि आप बाल्मिकी बस्ती के ठेकेदार नहीं हो, भाजपा कांग्रेस की बात मत करो। पिछले 15 साल के अपने शासन में बाल्मिकी बस्ती के लिए आपने क्या किया। पार्षद पवन माहेश्वरी ने सार्वजनिक स्थानों पर बोर्ड, होर्डिंग लगाने के लिए स्थान चिन्हित करने का प्रस्ताव रखा। माहेश्वरी ने एन.के. लोहिया स्टेडियम में होने वाले राष्ट्रीय कार्यक्रमों सहित अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों को देखते हुए सुलभ कॉम्पलैक्स बनाने का प्रस्ताव भी रखा। माहेश्वरी ने घंटाघर की घडिय़ों ठीक नहीं होने पर बदलने का प्रस्ताव भी रखा। जिस पर सभापति सिकन्दर अली खिलजी ने बताया कि घंटाघर की घडिय़ों को लेकर घंटाघर का निर्माण करने वाले भामाशाह के परिजनों को पत्र लिखा है, उनका जवाब आने के बाद उचित कार्यवाही की जायेगी। एक पार्षद ने स्टेडियम में पड़े कबाड़ को बेचने का प्रस्ताव रखा।
बैठक में भाजपा के पार्षदों ने जोधपुर विधुत वितरण निगम से सेवानिवृत होने के बाद संविदा के आधार पर नगरपरिषद में सेवा दे रहे एईएन जसवंतसिंह को दिमागी रूप से अस्वस्थ बताते हुए उनके स्थान पर दूसरे अधिकारी को लगाने की मांग की। जिसका कांग्रेस के उषा बगड़ा, राकेश प्रजापत, मधु बागरेचा सहित अन्य पार्षदों ने यह कहते हुए विरोध किया कि आप क्या डॉक्टर हो, जो उन्हे दिमागी रूप से अस्वस्थ घोषित कर रहे हो। भाजपा की महिला पार्षद ने बिजली व्यवस्था गड़बड़ाने के लिए जसवन्तसिंह को जिम्मेदार बताया। बैठक में प्रतिपक्ष नेता बुद्धिप्रकाश सोनी, प्रदीपसिंह, राजेन्द्र गिडिय़ा, हितेश जाखड़, विनोद सोनी, इकबाल खां, श्रीराम भामा, मो. मुंशी, महावीर मण्डा, लालचन्द शर्मा, अमित मारोठिया, सुशीला गोदारा, सुशीला मेघवाल, परबीना बानो, जहरा बानो, शबनम बानो, गोपालचन्द, नम्रता पंवार, संगीता भारी, सानिया गोठडिय़ा सहित सभी पार्षद उपस्थित थे।