एक जमीनी विवाद में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने स्टे दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गोपाल पुत्र रामलाल उर्फ रामूराम माली निवासी वार्ड नं. 4 सुजानगढ़ ने एडीजे न्यायालय में सिविल न्यायाधीश के अस्थाई निषेधाज्ञा आदेश के प्रार्थनापत्र को खारिज करने के विरूद्ध अपील की थी। अपील में गोपाल ने न्यायालय को बताया कि लाडनूं बाई पास पर एक भुखण्ड है, जिसका स्वामीत्व एवं उपयोग व उपभोग वह करता आ रहा है। जिसे उसने 28 दिसम्बर 15 को क्रय किया था।
जिस पर एक जनवरी 16 को हणुवंतसिंह पुत्र गंगासिंह राजपूत निवासी सुजानगढ़ ने जबरन कब्जा करने की चेष्ठा की। अपील में बताया गया कि हणुवंतसिंह द्वारा अधीनस्थ न्यायालय को बताया गया था कि उक्त भुखण्ड को तनवीरसिंह के साथ मिलकर 21 फरवरी 2008 में सब्बीर खां पुत्र बशीर खां से उसने तेरह लाख रूपये में खरीदा था। जिसके दीवार बनी हुई है और लोहे का गेट लगा हुआ है। एडीजे न्यायालय ने हणुवंतसिंह व तनवीरसिंह द्वारा पेश किये गये दस्तावेजों को पंजीकृत विक्रयपत्र नहीं मानते हुए ईकरारनामा माना तथा कमिशनर रिपोर्ट में भी निर्माण कार्य वादी द्वारा करना बताया जाना मानने के साथ ही दोनो पक्षों को सुनने के बाद अस्थाई निषेधाज्ञा आदेश जारी कर दिये।