वेंकटेश्वर मन्दिर में आयोजित पवित्रोत्सव के दूसरे दिन गुरूवार को भगवान वेंकटेश्वर का रक्षा बंधन किया गया तथा यजमानों को रक्षा बंधन का संकल्प दिलाया गया। तत्पश्चात भगवान वेंकटेश्वर को रेशम की पवित्र माला धारण करवाई गई। उसके बाद मन्दिर परिसर में भगवान की सवारी निकाली गई तथा यज्ञ मण्डप में भगवान को विराजमान कर यज्ञ शुरू किया गया। शाम को गोष्ठी प्रसाद वितरण के बाद भगवान ने फिर मन्दिर की परिक्रमा लगाई। ट्रस्टी मंजूदेवी जाजोदिया व अविनाश जाजोदिया के निर्देशानुसार आयोजित पवित्रोत्सव के सभी धार्मिक अनुष्ठान दक्षिण भारतीय विद्वान पंडित कृष्णकुमार भट्टर के आचार्यत्व में वेदपाठी विद्वान पंडितजनों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ स6पन्न करवाये जा रहे हैं।