जीवन जीने की कला ही है जीवन विज्ञान – प्रधुमनसिंह

Oswal Higher Secondary School

जीवेएम द्वारा संचालित ओसवाल उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं गांधी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा जीवन विज्ञान दिवस पर रैली निकाली गई। ओसवाल विद्यालय से शुरू हुई रैली गांधी बालिका विद्यालय पंहूचकर सभा में बदल गई। जहां पर जैन विश्व भारती विश्व विद्यालय लाडनूं के जीवन विज्ञान के व्या2याता प्रधु6मनसिंह शेखावत ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को स6बोधित करते हुए जीवन विज्ञान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आजादी के बाद जब देश में धर्म और जातिवाद के नाम पर झगड़े फसाद हो रहे थे तब आचार्य श्री तुलसी ने जातिवाद एवं धर्म संघर्ष से निजात दिलाने के लिए अणुव्रत आन्दोलन शुरू किया। जिसके साथ बाद आचार्य महाप्रज्ञ ने प्रेक्षाध्यान को जोड़ दिया।

शेखावत ने बताया कि इसके बाद १९७८ में आचार्य महाप्रज्ञ ने जीवन विज्ञान शुरू किया। शेखावत ने बताया कि जीने के कला को ही जीवन विज्ञान कहते हैं। उन्होने लक्ष्य निर्धारित कर संतुलित जीवन जीने का आह्वान किया। शेखावत ने नैतिकता, अहिंसा, दूसरों की आलोचना करने से बचने, सुबह जल्दी उठने तथा संतुलित व्यायाम करने की नसीहत छात्र-छात्राओं को दी। ओसवाल विद्यालय केप्राचार्यसुकेश पचौरी ने भी स6बोधित करते हुए कहा कि धन कमाना ही जीवन विज्ञान नहीं है, धन कमाया पर शरीर स्वस्थ नहीं है तो उस धन का 1या उपयोग, जब आप उसका उपभोग ही नहीं कर सकते। गांधी बालिका विद्यालय की प्राचार्या सुश्री उर्मिला प्रजापत ने आभार व्य1कत किया। इस अवसर पर ओसवाल युवक परिषद के उपाध्यक्ष संजय भूतोड़िया, प्रदीप बाफना भी मंचासीन थे। राजेश सुन्दरिया, शंकर स्वामी सहित दोनो विद्यालयों के अध्यापक एवं अध्यापिकाऐं भी उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here