हर्षोल्लास के साथ मनाया दीपोत्सव

Diwali

जगमगाते एवं झिलमिलाते दीपों का पर्व दीपोत्सव शहर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दीपावली पर घरों एवं दुकानों तथा औद्योगिक ईकाईयों में आकर्षक रोशनी की सजावट की गई। बाजार भी आकर्षक रोशनी से झिलमिला रहे थे। बाजारों में दीपावली की रोशनी देखने के लिए पूरा शहर उमड़ रहा था। सभी धर्मों के महिलाओं -पुरूषों बाजार की सजावट देखते हुए आपस में दीपोत्सव की बधाईयां दी। शुभ मुर्हुत में घरों एवं दुकानों तथा औद्योगिक ईकाईयों में भगवान गणेश जी, मां लक्ष्मी एवं सरस्वती माता की पूजा अर्चना की गई। व्यापारियों ने दीपावली पर अपने बही-खातों की भी पूजा अर्चना की। दीपावली की रात विधायक खेमाराम मेघवाल व पूर्व मंत्री मा. भंवरलाल मेघवाल ने अपने-अपने समर्थकों के साथ बाजार का भ्रमण करते हुए व्यापारियों एवं शहरवासियों को दीपावली की शुभकामनायें दी।

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विधायक खेमाराम मेघवाल के साथ मण्डल अध्यक्ष वैद्य भंवरलाल शर्मा, पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच के जिला अध्यक्ष भंवरलाल गिलाण, नवरत्न पुरोहित, अमरचन्द भाटी, बुद्धिप्रकाश सोनी, प्रहलाद जाखड़, अंजनीकुमार रांकावत, गणेश मण्डावरिया, विजय चौहान, पूर्व उपसभापति सैयद गौरी, प्रदीपसिंह राठौड़, कालू तेजस्वी, गंगाधर लाखन, सुनील सियोता, सुभाष ढ़ाका, युवा मोर्चा अध्यक्ष एड. मनीष दाधीच, महेश जोशी, खुशीराम चान्दरा, युसुफ गौरी, महेश पारीक, रूपाराम गुलेरिया, मनोज दाधीच, नीलमकुमार गंगवाल, वजीर खां सहित अनेक भाजपा नेता साथ थे। पूर्व मंत्री मां. भंवरलाल मेघवाल के साथ सभापति सिकन्दर अली खिलजी, उपसभापति बाबूलाल कुलदीप, नगर कांग्रेस अध्यक्ष रामवतार शर्मा, पार्षद लालचन्द शर्मा, इकबाल खान, आवेश राव, विद्याप्रकाश बागरेचा, मुकुल मिश्रा, धर्मेन्द्र कीलका, अजय ढ़ेनवाल, इरफान खान, सैजू खान सहित अनेक कांग्रेस कार्यकर्ता साथ थे।

घरों एवं प्रतिष्ठानों की साफ-सफाई करने के बाद धनतेरस से शुरू हुए पंच दिवसीय महापर्व पर बाजारों में रौनक छाई रही। दीपावली के अगले दिन छोटों ने अपने से बड़ों का आर्शीवाद लिया तथा हमउम्र वालों ने गले मिलकर तथा हाथ मिलाकर दीपोत्सव की शुभकामनायें दी। इसके अगले दिन भैयादूज पर भाईयों ने बहिनों के घर जाकर अपनी बहिनों को उपहार दिये। दीपावली के अगले दिन संकट मोचन हनुमान मन्दिर, महावीर मठ, लक्ष्मीनाथ मन्दिर, सोहन महाराज की बगीची, पारीक मन्दिर नयाबास सहित कस्बे के सभी मन्दिरों में अन्नकूट के प्रसाद का भगवान को भोग लगाकर श्रद्धालुओं को वितरित किया गया।

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