महाकवि कन्हैयालाल सेठिया की 96 वीं जयंती मरुदेश संस्थान के तत्वावधान में शुक्रवार को माहेश्वरी सेवा ट्रस्ट में समारोहपूर्वक मनाई गई। राजस्थानी भाषा के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले व्यक्ति को दिया जाने वाला सम्मान इस बार अंतराष्ट्रीय मारवाड़ी सम्मेलन कोलकाता के अध्यक्ष दिनेश बजाज को दिया गया। ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थानीय केंद्र संचालिका बीके सुप्रभा, लाडनू के शहर काजी मो. अयूब के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता लोहिया कॉलेज चूरू के प्रो. कांवरसिंह सामौर ने कहा कि सेठियाजी की रचनाएं कालजयी होकर पूरे देश में गंूज रही हैं। ऐसे व्यक्तित्व को शब्दों में बांधा जाना असंभव है। सामौर ने सेठियाजी की अनेक रचनाएं सुनाते हुए कहा कि अगर सरकार हमें जमीन प्रदान कर दे तो सेठियाजी की स्मृति में कावन हम जनसहयोग से बना लेंगे। विशिष्ट अतिथि गोपालपुरा सरपंच सविता राठी ने कहा कि देश-विदेश में यात्राएं करने पर राजस्थानी भाषा का मोल पता चलता है। राठी ने कहा कि राजस्थानी को मान्यता ही सेठियाजी को सच्ची श्रद्धांजली होगी। कार्यक्रम में राजकुमार शर्मा, अश्विन मोदी, सुमन बजाज काी मंचस्थ थे।
कार्यक्रम में दिनेश बजाज को साफा, शॉल, श्रीफल व स्मृति चिह्न व मानपत्र भेंटकर अतिथियों ने सम्मानित किया। सम्मान से अभिभूत दिनेश बजाज ने कहा कि जो व्यक्ति अपनी मातृभूति और मातृभााषा से दूर हो जाता है, वो अपनी जड़ों से दूर हो जाता है। बजाज ने कहा कि राजस्थान के रविन्द्रनाथ टैगोर, स्व. कन्हैयालाल जी सेठिया हैं।
इस अवसर पर छापर के गौरीशंकर भावुक, कवि हरीराम मेघवाल, हाजी शम्सूद्दीन स्नेही, एडवोकेट निरंजन सोनी, ओमप्रकाश तूनवाल, पार्षद ऊषा जैन आदि ने विचार प्रकट किये। इससे पूर्वज अतिथियों का स्वागत सरोज वीर पूनिया, कमलनयन तोषनीवाल, किशोर सैन, रजनीश भोजक, चेतनप्रकाश सिंघी, मुकेश रावतानी, सुनीता रावतानी, कैप्टन हनुमान चंदेलिया, कुसुम काूतोड़िया, बीके बालकिशन, पूनमचंद सारस्वत, दानमल कोजक, माणकचंद सर्राफ, सुकााष खुड़िया, दिनेश स्वामी, नारायण बैदी, प्रकाश सोनी आदि ने माल्यापज़्ण कर किया।
पातळ र पीथळ, धरती धोरां री.. गूंजी-
सेठिया की जयंती पर आयोजित कायज़्क्रम का शुकाारंका महाकवि सेठिया की के चित्र पर माल्यापज़्ण कर हुआ। उसके बाद उनकी अमर रचना पातळ र पीथळ का गान संगीत साधना संस्थान के अध्यक्ष शंकर करवा द्वारा किया गया। कायज़्क्रम का समापन रफीक राजस्थानी, काारती शमाज़्, तारा प्रजापत, शंकर करवा द्वारा प्रस्तुत – धरती धोरां री.. की सांगीतिक प्रस्तुति के साथ हुआ। कायज़्क्रम का संचालन मरुदेश संस्थान के अध्यक्ष घनश्याम नाथ कच्छावा ने किया।