
ग्राम पंचायत गोपालपुरा के ग्रामिणों ने सरपंच सविता राठी के नेतृत्व में जयपुर जाकर खान विभाग के संयुक्त सचिव के. एल. स्वामी के समक्ष अपना पक्ष रखा। ग्रामिणों ने अपने पक्ष में संयुक्त सचिव को बताया कि गोपालपुरा की रोही में गैर मुमकिन गोचर खसरा नं. 1060/679 व 1050/ 642 में खनन कर्ताओं द्वारा बेहिसाब तरीके से खनन किया जा रहा है। जबकि खसरा नं. 642 में समस्त 276 बीघा भुमि वन विभाग को वृक्षारोपण के लिए हस्तांतरित की जा चूकी है और खसरा नं. 679 में आबादी के कारण चिपते मकानों में क्रेशरों व लीजों की ब्लास्टिंग के कारण जन धन, पशु धन व कृषि सहित सभी का नुकसान हो रहा है।
ग्रामिणों ने संयुक्त सचिव को बताया कि पीने के पानी के एक मात्र साधन तालाब में भी खनन के कारण पानी की आवक नहीं के बराबर रह गई है। इतना ही नहीं खसरा नं. 675 में के कटान मार्ग को भी खननकर्ताओं ने नहीं छोड़ा है। ग्रामिणों द्वारा खनन को तुरन्त बंद करने के साथ ही राजस्व,खान, वन तथा ग्राम पंचायत की सरपंच की संयुक्त कमेटी बनाकर ग्रामिणों के सामने मौका रिपोर्ट बनाकर खनन किये गये क्षेत्र का मुआवजा तय कर उस राशि को गोपालपुरा ग्राम पंचायत के विकास में खर्च करने की मांग की है। डीजीपीएस सर्वे की मांग भी ग्रामिणों ने की है।
सरपंच सविता राठी के नेतृत्व में जयपुर गये प्रतिनिधि मण्डल में पूर्व सरपंच अमराराम मेघवाल, याचिका कर्ता सवाईसिंह रायका, उप सरपंच मांगीदेवी राठौड़, पंच धन्नीदेवी सारण, पंच अनोप कंवर, पंच पूसराज प्रजापत, पंच डालीबाई, पूर्व पंच रूपाराम खीचड़, भागूसिंह परिहार, मांगू पुनिया, झूमर सारण, रामू पलानिया, हनुमान नाई, नानू गुर्जर, तिलोक मेघवाल, पूर्णाराम नायक, भींवाराम कुम्हार, दूर्गाराम मेघवाल, सोहन माली, प्रेमसिंह, पंच बन्नाराम, पंच विक्रम, नरसाराम जानूं, भागीरथ मेघवाल, हीरूराम नाई, गुगल कंवर, भंवरी कंवर, चैनाराम बावरी, ईशरसिंह परिहार, पंच रूघाराम नायक सहित सैकड़ों ग्रामिणों ने जयपुर सचिवालय व अरण्य भवन में प्रधान मुख्य वन संरक्षक को अपना लिखित प्रतिवेदन दिया। गत 30 जुलाई को खनिज विभाग के संयुक्त सचिव के. एल. स्वामी द्वारा जारी आम सूचना में सूचित किये गये अनुसार कि डी.बी. सिविल रिट याचिका सवाईसिंह बनाम राज्य सरकार एवं अन्य में हुए निर्णयानुसार सभी पक्षों की सुनवाई के लिए सभी ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हो कर अपना-अपना पक्ष रखा।