सृष्टि चक्र की दी जानकारी

Creation cycle

ब्रह्मकुमारीज एवं माहेश्वरी सेवा ट्रस्ट के द्वारा आयोजित एडवांस कॉर्स में स्थानीय संचालिका ब्र.कु. सुप्रभा ने सृष्टि चक्र के राज को स्पष्ट करते हुए कहा कि सृष्टिचक्र की आयु पांच हजार वर्ष है, जिसमें बारह सौ पचास वर्ष के एक युग के हिसाब से सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग व कलयुग है। इस चक्र में सतयुग व त्रेतायुग में एक ही धर्म होता है, आदि सनातन देवी-देवता धर्म होता है।

फिर द्वापर युग में दूसरे धर्मों की स्थापना होती है, जैसे द्वापर के शुरू में इब्राहीम द्वारा इस्लाम धर्म, महात्मा बुद्ध द्वारा बोद्य धर्म व क्राइस्ट द्वारा क्रिश्चियन धर्म की स्थापना आज से 2500 वर्ष पूर्व हुई। उन्होने कहा कि अभी वही समय चल रहा है, जो गीता में परमात्मा के कहे अनुसार सभी धर्मों का विनाश व एक आदि सनातन धर्म की स्थापना का। सृष्टि चक्र का ज्ञान एक कल्प वृक्ष के चित्र के माध्यम से स्पष्ट करते हुए बताया कि जैसे क बीज से पहले तना निकलता है, यानि एक धर्म सतयुग-त्रेतायुग में देवी देवता धर्म, फिर अनेक डाल-डालियां निकलती है, जैसे द्वापर से अनेक धर्म इस्लाम, बौद्य, क्रिश्चियन आदि। सभा में अनेक श्रद्धालुओं ने ज्ञान का श्रवण किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here