गत दिनों टोंक जिले के सांस गांव में बिजली के झूलते हुए तारों से छूने के चलते बारात की बस में आए करंट की चपेट में आने पर एक ही परिवार के 17 लोगों की दर्दनाक मौते होने पर भी विद्युत विभाग के कोई सबक नहीं लिया। ऐसा की एक हादसा शनिवार की प्रात: कस्बे के चांद बास मे हुआ जिसमें विभागीय लापरवाही के चलते बिजली के तार छूने पर तीन मजदूरों की मौत ने गरीब परिवारों पर कहर ढ़ा दिया। घटना के अनुसार कस्बे के वार्ड संख्या 6 चांद बास में स्थित एक नोहरे में चल रहे निर्माण कार्य के चलते शनिवार की सुबह करीब छ बजे गली से गुजर रही बिजली की लाईन की चपेट में आने से तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि हादसे में तीन अन्य गंभीर रूप से झुलस गए जिनको राजकीय बगड़िया अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। हादसे में मामूली से घायल हुए एक मजदूर असलम पुत्र आरीफ मोहम्मद काजी ने बताया कि वह व अन्य कुल 9 मजदूर हीरा पुत्र इस्हाक खींची के चांद बास स्थित नोहरे की चारदीवारी के हो रहे निर्माण कार्य के लिए लोहे का करीब 15-16 फीट लंबा मचान गली में तैयार करके नोहरे की 20 फीट ऊंची निर्मित हो चुकी दीवार को और ऊंचा बनाने के लिए लेकर जा रहे थे।
जिस पर गली से गुजर रही बिजली की एलटी लाईन से लोहे का पिरामिड छूने के कारण कस्बे के वार्ड संख्या सात निवासी सद्दाम पुत्र फूल मोहम्मद काजी(25),खालिद पुत्र जाकिर काजी (23)निवासी गांव तिड़ोकी व मुस्लिम पुत्र युसुफ काजी (22) की निवासी वार्ड संख्या 6 की मौत हो गई। वहीं जावेद पुत्र मोहम्मद अख्तर (22),अजहरुद्दीन पुत्र मोहीदीन(16) व अब्दुल रहमान पुत्र चांद काजी सभी निवासीगण चांद बास गंभीर झुलस गए। हादसे की सूचना पर एसएचओ अनिल मूंड व एसआई किशनलाल मौके पर आए व घटना के बारे में जानकारी ली। वहीं डिस्कॉम के एक्सईएन एआर जांगीड़ व तहसीलदार गोकुलप्रसाद ने बताया की उन्होंने घटना स्थल का दौरा कर हादसे के कारणों की आरंभिक जांच की है जिसमें मजदूरों ने लोहे के उंचे पिरामिड को बिना ध्यान दिए उठा लिया जिससे उपर से गुजर रही बिजली की लाईन के छूने से यह हादसा हो गया।
इस दौरान जनाक्रोश को देखते हुए आरएससी के जवानों सहित वृत के छापर,सांडवा व सालासर थानों से अतिरिक्त पुलिस जाब्ता बुलवाकर अस्पताल परिसर में तैनात किया गया। इस दौरान भाजपा के प्रह्लाद जाखड़,विजयपाल चाहर,शंकर स्वामी व वैद्य भंवरलाल शर्मा सहित कई लोग मौके पर पहुंचे व मामले को शांत करवाने का प्रयास किया। समाचार लिखे जाने तक मृतकों का पोस्टमार्टम नहीं हुआ था और ना ही थाने में कोई मामला दर्ज करवाया गया।
मुआवजे की मांग पर अड़े परिजन
हादसे को लेकर लोगों ने बिजली विभाग के खिलाफ अपना रोष जताते हुए मौके पर ही मुआवजे की मांग व मृतक आश्रित परिवार के लोगों को सरकारी नौकरी देने की मांग पर अड़ गए। इस मामले को लेकर वार्ड 6 के पार्षद निसार अहमद काजी,रिटायर्ड थानेदार फकरुद्दीन काजी,शिक्षक दाऊद काजी,सैय्यद अली हसन, जिला कांग्रेस प्रवक्ता मोहम्मद इदरीस गौरी, व्यापार मंडल अध्यक्ष प्रदीप तोदी,पार्षद बीएल कुलदीप व गुलाम खां मोयल के प्रतिनिधि मंडल सहित मृतकों के परिजनों ने विधायक खेमाराम मेघवाल से मौके पर ही मृतकों के परिजनों को दस-दस लाख के मुआवजे की घोषणा करने सहित उनके परिजनों को सरकारी नौकरी देने व घायलों का मुफ्त ईलाज व उचित मुआवजा देने की मांग की। परिजनों व प्रतिनिधि मंडल ने मांग पुरी होने पर ही मृतकों का पोस्टमार्टम करवा कर शव उठाने की मांग पर अड़े रहे। इस मामले को लेकर सरकारी अस्पताल स्थित पीएमओ कार्यालय पर वार्ताओं व समझाईस के कई दौर चले मगर शाम तक वार्ता बेनतीजा रही। वहीं एक बार तो एसएसपी बीएल मीणा व कांग्रेस नेता इदरीस गौरी के बीच काफी गर्मागर्मी हो गई,जिस पर विधायक मेघवाल ने मामला शांत करवाया।
जांच के बाद ही मुआवजा
विधायक खेमाराम मेघवाल ने जनाक्रोश को देखते हुए विभाग के उच्चाधिकारियों सहित उर्जा मंत्री व जिला कलेक्टर से कई बार वार्ता कर मुआवजे की बात कही। विधायक ने बताया कि हादसे के लिए जांच कमेटी गठित कर उसकी तीन दिन में रिपोर्ट देने पर ही आगे की कार्रवाई हो सकेगी। वहीं विभाग के एक्सईएन ने कहा कि नियमों के तहत बिना पोस्टमार्टम व जांच रिपोर्ट के मुआवजा देना संभव नहीं है। जिस पर एक बारगी तो पोस्टमार्टम करवाने पर सहमती बनी परंतु बाद में प्रतिनिधि मंडल में शामिल कई लोग पलट गए।
Gov. Ki taraf se muaawaja to milna hi chahiye
paiso se jaan ki kimat to ni lgai ja skti lekin unke parivaar ko aarthik madad to milni hi chahiye.