जिला कलेक्टर अर्चनासिंह ने निकटवर्ती ग्राम पंचायत बोबासर बीदावतान के अटल सेवा केन्द्र राजस्व लोक अदालत – न्याय आपके द्वार कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामिणों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पूरे जिले में सुजानगढ़ में मातृ मृत्यु दर सबसे ज्यादा है। खुले में शौच से मुक्ति के लिए मिशन बनाकर कार्य करने का आह्वान करते हुए जिला कलेक्टर ने कहा कि सक्षम व्यक्ति अपने घरों में शौचालय बनाने के साथ ही निर्धन एवं असक्षम का हाथ थाम कर उसके घर पर भी शौचालय का निर्माण करवाये। जिससे पूरा गांव खुले में शौच से मुक्त हो सके। जन सुनवाई में ग्रामिणों ने गांव में बिजली के पोल हटाने की मांग रखी। जिस पर कलेक्टर ने सात दिन में कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
जिसके जवाब में ग्रामिणों ने कहा कि जब तक कार्यवाही नहीं होती उन्हे उनके आश्वासन पर विश्वास नहीं है, पहले भी आश्वासन ही मिले हैं, कार्यवाही कभी नहीं हुई। इसके पश्चात ठरड़ा में गौचर पर अतिक्रमण की शिकायत सरपंच पति कालूराम मेघवाल ने रखी। जिस पर उपखण्ड अधिकारी ने कहा कि सभी समस्याओं का पिटारा आज ही खोलोगे क्या? मुझे यहां आये हुए आठ महीने हो गये, लेकिन आप कभी मेरे पास नहीं आये। इस पर ताराचन्द स्वामी ने कहा कि हम लोग आये थे, आप नहीं थे, आपके पीए ने शिकायत लेने से मना कर दिया। इस पर उपखण्ड अधिकारी ने कहा कि दोबारा आते। इस दौरान तहसीलदार पुरूषोतम जांगीड़ ने हस्तक्षेप करते हुए ताराचन्द स्वामी को झिड़कते हुए बैठा दिया। इसके बाद ग्रामिणों ने हेमासर तलाई के कटानी रास्ते के बंद होने की शिकायत की। जिस पर एसडीएम ने गिरदावर शिवकुमार को जनसुनवाई के बाद मौके पर जाकर रास्ता खुलवाने के निर्देश दिये। इसके पश्चात सरपंच पति कालूराम ने नये राशन कार्डों में त्रुटियों की समस्या के साथ ही ई-मित्र पर बनने वाले राशन कार्डोँ पर खाद्य सुरक्षा की मोहर नहीं होने की समस्या को कलेक्टर के सामने रखा। जिस पर जिला कलेक्टर ने कहा कि खाद्य सुरक्षा सब के लिए नहीं है, ये गरीब एवं बीपीएल परिवारों के लिए हैं।
इसके लिए आपको बीपीएल होने के लिए एसडीएम के पास अपील करनी होगी, बीपीएल होने के बाद खाद्य सुरक्षा में आपका नाम जुड़ेगा। जनसुनवाई में आस-पास के पांच गांवों की दर्जनों महिलाओं ने गांव में लगी शराब की दुकानें हटाने के लिए ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने में सुमन कंवर, संगीता, नीनू कंवर, वनीता कंवर, मेहताब कंवर सहित अनेक महिलायें शामिल थी। विकास अधिकारी त्रिलोकाराम दैया ने बताया कि बोबासर पंचायत में 486 परिवारों के पास शौचालय नहीं है। जिनमें से 114 के शौचालय आवेदन स्वीकृत किये गये हैं। शेष में अधिकतर लघु एवं सीमान्त कृषक है एवं एक विकलांग परिवार है। जिस पर जिला कलेक्टर ने शीघ्र ही पूरी पंचायत को शौचालय मुक्त करने एवं शेष परिवारों के लिए शौचालय स्वीकृत करने के निर्देश दिये। ओडीएफ के जिला समन्वयक श्यामलाल शर्मा ने खुले में शौच करने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी। तहसीलदार पुरूषोतम जांगीड़ ने बताया कि राजस्व लोक अदालत – न्याय आपके द्वार में 8 विभाजन, 25 नामान्तकरण, 8 नकल, दो हक त्याग पत्र जारी किये गये। इस अवसर पर पंचायत प्रसार अधिकारी हंसराज मीणा, पटवारी अनिल मीणा, ग्रामसेवक सुरेन्द्र महला भी उपस्थित थे।
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