अपने माता-पिता एवं परिवारजनों के अरमानों एवं सपनों को साकार करने के लिए विदेश जाने वाले एक युवक किस प्रकार इन कम्पनियों के चंगुल में फंस जाते हैं, इन कम्पनियों के चंगुल में फंसे कस्बे के एक युवक के परिजनों ने उसे आजाद करवाकर सकुशल घर वापसी के लिए प्रवासी कार्य मंत्रालय से गुहार लगाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर धिंगानिया बास निवासी मो. सतार करीब साढ़े तीन वर्ष पहले सऊदी अरब गया था। वहां पर उसे मोहम्मद अल-मोजिल ग्रुप, जुबैल कम्पनी में नौकरी मिली। लेकिन पिछले एक वर्ष से यह कम्पनी मोहम्मद सतार से एक कैदी के रूप में काम करवा रही है।
मोहम्मद सतार की पत्नी रूकसाना बानो द्वारा प्रवासी कार्य मंत्रालय को प्रार्थना पत्र में भेज कर अपने पति को सऊदी अरब से रिहा करवाकर सकुशल घर वापसी की गुहार लगाई है। रूकसाना बानो ने प्रार्थना पत्र में लिखा है कि पिछले एक साल से उसके पति को वेतन नहीं मिला है और न ही उसे पर्याप्त मात्रा में खाने को भोजन दिया जा रहा है। जिसके कारण उसके पति को यहां से पैसे भेजने पड़ रह े हैं। प्रार्थना पत्र में बताया गया है कि मोहम्मद सतार की तरह 24 और लोग हैं, जो कैदी के रूप में वहां पर काम कर रहे हैं। जिनके साथ भी ऐसा ही बर्ताव किया जा रहा है। जिसके कारण उनके परिवारजन भी परेशान है। इन सभी के पासपोर्ट, आईडी नम्बर व अन्य दस्तावेज कम्पनी के अधिकारियो ने जब्त कर लिये हैं। जो कम्पनी तो वापस दे रही है और न ही इन मजदूरों को वापस अपने देश भेज रही है। रूकसाना ने बताया कि उसके पति के स्वदेश नहीं लौटने से उसके बूढ़े सास-ससूर की हालत खराब हो रही है और पूरे परिवार को मो. सतार के घर लौटने का इंतजार है। प्रार्थना पत्र मेंं रूकसाना बानो ने सरकार से दखल कर मो. सतार की सकुशल घर वापसी की मांग की है।