शिव कथा में बताई साधना की महिमा

Shiv Katha

एन.के. लोहिया स्टेडियम आयोजित शिव पुराण कथा में सोमवार को शिव प्राकट्य एवं दक्ष प्रजापति के घर पर सती के जन्म व शिव – पार्वती के विवाह के प्रसंग का सुन्दर वर्णन करते हुए कथा वाचक राधेश्याम शास्त्री ने कहा कि शिव का ना तो आदि है, और ना ही अन्त है। अजन्मा, अनश्वर शिव ही सृष्टि के सभी प्रकार के जीवों को साधना का महत्व बताया। साधना के पथ पर चलने वालों को शिव की कृपा प्राप्त होती है।

कथा में संत समुदाय से होशियारनाथ जी महाराज, शांतिनाथ जी महाराज सनवाली, विजयनाथ जी महाराज फतेहपुर व महन्त मनोहर शरण जी महाराज पलसाना का आयोजक परिवार द्वारा सम्मान किया गया। कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए मनोहर शरण जी महाराज ने शिव महिमा बताई। स्व.रामदेव चोटिया, स्व. दूर्गादेवी चोटिया, स्व. सत्यनारायण चोटिया व स्व. प्रेमसुख चोटिया की पुण्य स्मृति में स्व. प्रेमसुख चोटिया की धर्मपत्नी मुन्नीदेवी, पुत्र विकास, विवेक, पुत्री प्रियंका व मेघा द्वारा शिव महापुराण का आयोजन किया गया है। कथा के सफल आयोजन में पुरूषोतम शर्मा व के.एल. पारीक सहित अनेक श्रद्धालु जुटे हुए हैं।

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