राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12 वीं कक्षा के वाणिज्य एवं विज्ञान वर्ग के परीक्षा परिणाम में तहसील के 6 छात्र-छात्राओं ने जिला स्तरीय मैरिट में स्थान बनाकर सुजानगढ़ को गौरवान्वित किया है। कस्बे की रामगोपाल गाड़ोदिया आदर्श विद्या मन्दिर के छात्र राजेश प्रजापत पुत्र रतनलाल प्रजापत ने वाणिज्य वर्ग में 85.60 प्रतिशत अंकों के साथ जिला वरियता सूची में नौंवा स्थान प्राप्त किया है। राजेश ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व गुरूजनों को देते हुए सीए बनने को अपना लक्ष्य बताया।
राजेश ने बताया कि वह सीपीटी की तैयारी कर रहा है। इसी प्रकार सूरजकुमारी गाड़ोदिया आदर्श विद्या मन्दिर की छात्रा दिव्या सोनी पुत्री सोहनलाल सोनी ने 85.40 प्रतिशत अंक प्राप्त कर वाणिज्य वर्ग की जिला वरियता सूची में दसवां स्थान प्राप्त किया है। दिव्या ने बताया कि वह अपनी सफलता का श्रेय अपने भगवान, अपने मम्मी-पापा व समस्त गुरूजनों को देती है। दिव्या ने सी.ए. बनने का अपना लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी प्रकार अभिलाषा शिक्षण संस्थान साण्डवा की छात्रा अरूणा पुत्री बजरंगलाल भंसाली ने 12 वीं वाणिज्य वर्ग में 80 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जिला वरियता सूची में अपना स्थान बनाया है। अरूणा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने अध्यापकों एवं मम्मी पापा को दिया है। इसी प्रकार आर.एन. पब्लिक स्कूल सालासर के अभिषेक शर्मा पुत्र मुरलीधर शर्मा ने 86.40 प्रतिशत अंक प्राप्त कर वाणिज्य वर्ग की जिला वरियता सूची में स्थान प्राप्त किया है।
अभिषेक ने बताया कि वह अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरूजनों व माता पिता के साथ ही विशेष रूप से लादू जी सर को देना चाहता है, जिन्होने उसे आर्थिक व मानसिक सम्बल प्रदान किया। अभिषेक ने बताया कि सी.ए. बनकर वह अपने माता-पिता के सपनों को साकार करना चाहेगा। इसी प्रकार तेहनदेसर के शेखावाटी एज्यूकेशनल ग्रुप के टैगोर स्कूल के नन्दूसिंह शेखावत पुत्र करणीसिंह शेखावत विज्ञान वर्ग में 94.40 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जिला वरियता सूची में चौथा स्थान प्राप्त किया है। नन्दू ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरूजनों व माता-पिता व दादा जी को देते हुए इंजिनियर बनकर देश सेवा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी प्रकार बाल भारती विद्या पीठ के अतिशय जैन पुत्र संजीव जैन ने विज्ञान वर्ग में 92.80 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जिला वरियता सूची में स्थान प्राप्त किया है। अतिशय ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व गुरूजनों को दिया है।