प्राकृतिक आपदाओं के लिए प्राकृतिक संसाधनों का बेतहाशा दोहन जिम्मेदार – यशोदा माटोलिया

World Earth Day

विश्व पृथ्वी दिवस पर कस्बे में विभिन्न संस्थाओं द्वारा संगोष्ठियां करने के साथ पक्षियों के लिए परिण्डे लगाने और पेड़-पौद्यों में पानी देकर पृथ्वी को बचाने का संदेश दिया गया। परमार्थ सेवा संस्थान द्वारा अपने कार्यालय में पृथ्वी बचाओ विषयक संगोष्ठी का आयोजन वैद्य भंवरलाल शर्मा की अध्यक्षता एवं समाजसेवी गिरिश महाराज के मुख्य आतिथ्य में किया गया। इस अवसर पर उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुए वैद्य मांगीलाल काछवाल ने कहा कि पृथ्वी एवं पर्यावरण के बचने पर ही जीवन बचेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वैद्य भंवरलाल शर्मा ने कहा कि मानव द्वारा अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति से की जा रही छेड़छाड़ के गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। संस्थान मंत्री जयप्रकाश शर्मा ने संस्थान के प्रकल्पों की जानकारी देते हुए कहा कि संगोष्ठी का मूल उद्देश्य जल, वायु, ध्वनी प्रदूषण रोकने के साथ ही ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरों से लोगों को जागृत करना है। समाजसेवी यशोदा माटोलिया ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के लिए मानव जनित उपभोगवाद, औद्योगिकरण के लिए प्राकृतिक संसाधनों के बेतहाशा दोहन को जिम्मेदार बताया। माटोलिया ने आम जन से अपने दायित्व को समझते हुए प्लास्टिक का उपयोग बंद करने की अपील की। महेन्द्र शर्मा ने रिसाइकल, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ ही सघन वृक्षारोपण जल संरक्षण करने पर जोर दिया। संगोष्ठी में दुर्गादास सिंधी, हुलास मेघवाल, किशन सिंधी, खेमाराम चिनिया, सहित अनेक लोगों के साथ संस्थान कार्यकर्ता उपस्थित थे।

संचालन विष्णु सैन ने किया। संगोष्ठी के पश्चात वृक्षों पर पक्षियों के लिए परिण्डे लगाने के साथ पेड़ों में पानी दिया गया। इसी प्रकार दी फिलाटेलिक सोसायटी द्वारा महादेव मन्दिर में मांगीलाल पुरोहित की अध्यक्षता में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। पूर्व शिक्षा अधिकारी हरिकृष्ण व्यास के मुख्य आतिथ्य एवं बीमा के विकास अधिकारी आर.एल. जसूजा व डा. सूर्यप्रकाश मावतवाल के विशिष्ट आतिथ्य में आयोजित संगोष्ठी में रामप्रताप बीडासरा, अनिल परोहित, वैद्य घेवरचन्द गुर्जर, वैद्य भंवरलाल शर्मा, पूर्व जिला प्रमुख रामदेव ढ़ाका ने संगोष्ठी को सम्बोधित किया। इस अवसर पर सुखलाल सोनी, ओम भार्गव, महावीरप्रसाद उपाध्याय, शंकरलाल लाटा, भगवानदास स्वामी, श्रवण चौधरी, जेठमल मोदी, जुगलकिशोर शर्मा, गोविन्द बड़जात्या उपस्थित थे।

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