कस्बे की शैक्षणिक धरोहरों में शुमार ओसवाल उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं गांधी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय को लीज पर देने का विरोध शहर में मुखर होता जा रहा है। नगर के जागरूक नागरिक विजयसिंह कोठारी ने ओसवाल युवक सम्मेलन के मांगीलाल सेठिया को ज्ञापन भेजकर दोनो विद्यालयों को किसी अन्य संस्था को लीज पर बेचे जाने पर आपत्ति और विरोध दर्ज करवाते हुए सेठिया पर अमानत में ख्यानत करने का आरोप लगाया है।
संचालक मण्डल पर अनेक आरोप
कोठारी ने दोनो विद्यालयों का संचालन कर रहे संचालक मण्डल के अध्यक्ष मांगीलाल सेठिया पर ओसवाल युवक सम्मेलन के 40 वर्षों से स्वयंभू अध्यक्ष होने तथा दस वर्षों से गांधी बालिका विद्यालय के अध्यक्ष होने का आरोप लगाने के साथ ही संचालक मण्डल के अन्य सदस्य उपाध्यक्ष रणजीतसिंह बागरेचा की द्वारा लोगों को पहनाई गई रंग-बिरंगी टोपियों का उल्लेख करते हुए उन पर कई घरों एवं परिवारों को बरबाद करने का आरोप लगाने के साथ बागरेचा की योग्यता पर भी सवाल उठाया है। कोठारी ने संचालक मण्डल के मंत्री गोविन्द बाफना के बारे में दिल्ली में छपे पम्फलेट का जिक्र करते हुए उनके समाज को दिये गये योगदान पर प्रश्नचिन्ह लगाया है।
सर्व धर्म हिताय और सर्व धर्म सुखाय को ध्यान में रखकर हुई थी विद्यालयों की स्थापना
कोठारी ने लिखा है कि सर्व धर्म हिताय और सर्व धर्म सुखाय की उक्ति को चरितार्थ करने के उद्देश्य से गांधी बालिका स्कूल का संचालन महिला हितकारिणी सभा के नाम से आरम्भ किया गया था। इस संस्था में सेठ मूलचन्द सेठिया परिवार, सेठ चान्दमल खूबचन्द सेठिया परिवार एवं दानदाता सेठ सोहनलाल दूगड़ फतेहपुर निवासी का सहयोग सबसे ज्यादा रहा। इनके अलावा गोपालकृष्ण शास्त्री, बजरंगलाल फतेहपुरिया, हरिशचन्द्र पारीक आदि से लिये गये सहयोग से संस्था पल्लवित व पुष्पित हुई थी। ज्ञापन में मांगीलाल सेठिया पर बिना सेठिया परिवार एवं दूगड़ परिवार की अनुमति के, बिना किसी अन्य समाज की अनुमति और सर्वसम्मत राय के अध्यक्ष बनकर गांधी बालिका स्कूल को अपने अधिकार में समझ कर तथाकथित मनमानी का सौदा करने का आरोप कोठारी द्वारा लगाया गया है।
मांगीलाल सेठिया से विजयसिंह कोठारी ने किये सवाल
ज्ञापन में संचालक मण्डल अध्यक्ष मांगीलाल सेठिया से आठ सवाल किये गये है और उनके जवाब चाहे गये हैं। 1. गांधी बालिका स्कूल का मालिकाना हक आपको किसने दिया? 2. गांधी बालिका स्कूल का आपको अध्यक्ष किसने और कब बनाया? 3. गांधी बालिका स्कूल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मंत्री और कार्यकारिणी के चुनाव कब और किस जगह पर हुआ? 4. गांधी बालिका स्कूल को आपने किन -किन दानदाताओं की इजाजत लेकर इसको किसको कान्ट्रैक्ट या किराये पर कब और कैसे दिया? 5. आपने यह कदम उठाते समय ओसवाल समाज व अन्य समाज को विश्वास में लेने का प्रयास क्यों नहीं किया? 6. क्या आप और आपकी सोच बुद्धसिंह सेठिया, रणजीत बागरेचा एवं गोविन्द बाफना तक ही सीमित है? 7. आपके पदाधिकारी रणजीत बागरेचा और गोविन्द बाफना का गांधी बालिका विद्यालय एवं ओसवाल विद्यालय में क्या योगदान रहा है तथा अन्य सामाजिक गतिविधियों में इनका क्या योगदान रहा है? 8. ओसवाल स्कूल और गांधी बालिका स्कूल आपकी निजी संस्था है क्या? अगर यह निजी संस्था है तो यह कब से और कैसे हुई?
निजी हितों एवं स्वार्थ के लिए गिरवी रखने का आरोप
ज्ञापन में स्कूलों में सरकारी अनुदान बंद होने के दो वर्ष में ही विद्यालयों का सौदा करने को शर्मनाक बताते हुए स्वतंत्र सी.ए. से विगत 15 वर्षों की ऑडिट करवाने की चुनौती देते हुए ज्ञापन में मांगीलाल सेठिया पर उनके एवं उनके साथियों के निजी हितों एवं स्वार्थ के लिए दोनो विद्यालयों को गिरवी रखने का आरोप लगाया गया है। गांधी बालिका विद्यालय एवं ओसवाल विद्यालय को सामाजिक संस्थायें बताते हुए इनका संचालन समाज एवं सुजानगढ़ के लोगों को जोड़कर स्थानीय स्तर पर करवाने की मांग की है।
सर्वसमाज ने किया विरोध
गांधी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं ओसवाल उच्च माध्यमिक विद्यालय को लीज पर देने का सर्वसमाज द्वारा भी विरोध किया गया था। गत दिवस सर्वसमाज की ओर से पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष ब्रह्मप्रकाश शर्मा, शिक्षाविद् रूकमानन्द शर्मा, शिक्षाविद् हाजी शम्सूद्दीन स्नेही, बसन्त बोरड़, घीसूलाल बागड़ा, विद्याप्रकाश बागरेचा, संदीप डोसी, इन्द्रचन्द सोनी, गिरधारीलाल काबरा, जे.डी. मोदी, सेठी, ठेकेदार दूलीचन्द प्रजापत, एड. तिलोकचन्द मेघवाल, मुकेश खटीक, श्यामलाल गाड़ोदिया, नरेन्द्र काछवाल सहित अनेक सभ्रान्त नागरिकों ने निवर्तमान संचालक मण्डल की कार्यकारिणी के सदस्य संजय भूतोड़िया से बीस सवाल पूछे, जिनका भूतोड़िया कोई जवाब नहीं दे पाये। इस अवसर पर दोनो विद्यालयों को लीज पर लेने वाली जीवेएम के प्रतिनिधि, गांधी बालिका विद्यालय की प्रधानाध्यापिका उर्मिला प्रजापत भी उपस्थित थे।