राजकीय महाविद्यालय में अध्ययनरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा विशेष पिछड़ा वर्ग के आवेदनकर्ता विद्यार्थियों को छात्रवृतियां दी जा चूकी है। महाविद्यालय के प्राचार्य हीरालाल गोदारा ने बताया कि अनुसूचित जाति के चार सौं एक विद्यार्थियों को पन्द्रह लाख अठारह हजार नौ सौ उन्नतीस रूपये की छात्रवृतियां स्वीकृत की गई है तथा इस वर्ग का कोई विद्यार्थी छात्रवृति से वंचित नहीं रहा है।
गोदारा ने बताया कि छात्रावासी मेन्टेनेंस भत्ते के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थियों के पतों/ ठिकानों की जांच छात्रवृति समिति के सदस्यों द्वारा करने पर अनेक चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं। आवेदकों द्वारा बताये गये पते/ठिकानों पर कोई भी विद्यार्थी समूह में रहता नहीं पाया गया और न ही मैस आदि का संचालन पाया गया।
आवेदकों द्वारा बताये गये पते/ठिकानों पर समिति के सदस्यों को स्थानीय निवासियों ने बताया कि यहां पर छात्र नहीं रहते हैं तथा कुछ आवेदन पत्रों पर उल्लेखित पतें अस्तित्व में ही नहीं है। गोदारा के अनुसार कुछ स्वार्थी लोग छात्रों को अपना जरिया बनाकर कमाई करना चाहते हैं। प्राचार्य ने राज्य सरकार द्वारा प्रदत सभी सुविधायें विद्यार्थियों उपलब्ध करवाने के लिए महाविद्यालय के सदैव तत्पर रहने का विश्वास दिलाया।