सुहागिनों का पर्व गणगौर कस्बे में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। नगरपरिषद कार्यालय से गणगौर की सवारी शाही शान ओ शौकत के साथ गाजे-बाजे के साथ निकली। नगरपरिषद कार्यालय में सभापति डा. विजयराज शर्मा ने पं. सोमदत शास्त्री के वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ गणगौर व ईशर की विधि विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की। परिषद कार्यालय में ही सुहागिनों ने गौर माता की पूजा अर्चना की। नगरपरिषद कार्यालय से गाजे-बाजे के साथ रवाना हुई गौर माता की सवारी की घंटाघर चौक में भी पूजा-अर्चना की गई।
जहां पर मुरली मनोहर मन्दिर से बीदावतों की गौर माता की सवारी भी अपनी पूरी शान के साथ घंटाघर पंहूची तथा दूसरी ओर लुहारा गाडा से मोहिलों की गौर भी अपनी पूरी शान के साथ घंटाघर पंहूची। घंटाघर से तीनों गौर माता व दो ईशरदास जी का लवाजमा गाजे-बाजे के साथ नया बाजार पंहूचा। गौर माता का शाही लवाजमा अपनी पूरी शान ओ शौकत के साथ आगे बढ़ता हुआ नया बाजार पंहूचा। जहां पर हजारों सुहागिनों ने गौर माता की पूजा-अर्चना कर अपने सुहाग की सलामती की दुआ की। गौर माता की सवारी निकलने से पहले सुहागिनों ने नगरपरिषद कार्यालय, मुरली मनोहर मन्दिर व लुहारा गाडा चौक में गौर माता की पूजा-अर्चना की।
गौर माता की सवारी के साथ सभापति डा. विजयराज शर्मा के अलावा पार्षद पवन माहेश्वरी, बुद्धिप्रकाश सोनी, भंवरलाल गिलाण, गणेश मण्डावरिया, यशोदा माटोलिया, मदनलाल इन्दौरिया, नन्दलाल घासोलिया, युसुफ गौरी, भीकमचन्द बोचीवाल, श्रीराम भामा, मुरली मनोहर मन्दिर पुजारी गिरधारी दाधीच, सुनील कुमार दाधीच, बसन्त पुजारी, देवेन्द्र, शैलेन्द,्र अनिल शर्मा, अंशुमान पुजारी, रूपसिंह, कालूसिंह, हनुमानसिंह, नत्थूसिंह, सुजानसिंह, सवाईसिंह व मोहिलों की गौर के साथ भंवरू खां मोयल, अशोक पारीक, सुरेश दरोगा, कालू दरोगा, ओमसिंह, राकेश बाफना, मनोज बाफना, मन्नालाल मालू, गजानन्द जांगीड़, विद्याप्रकाश बागरेचा, पांचीराम नाई, नथमल नाई, सुशील छाजेड़, बाबूलाल गुर्जर सहित अनेक गणमान्यजन साथ थे।