सरकारी स्कूलों को हीन दृष्टि से देखा जाने लगा है प्रशिक्षित शिक्षक एवं साधन उपलब्ध होने के बावजूद – खेमाराम

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स्थानीय फतेहपुरिया गेस्ट हाऊस में दो दिवसीय प्रधानाध्यापकों की सत्रांत वाक्पीठ का आयोजन सोमवार विधायक खेमराम मेघवाल के अतिथ्य में हुआ । राजकीय कनोई बालिका विद्यालय के तत्वावधान में आयोजित वाक्पीठ का उद्घाटन विधायक खेमाराम मेघवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम में अध्यक्षता गिरधरीलाल महर्षि ने की। विशिष्ट अतिथि के रुप में अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी सांवरमल ने कहा कि एक वर्ष में दो बार आयोजित वाक्पीठ में हम शिक्षक और शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने पर चर्चा करते हैं।

शिक्षकों को चाहिए कि वे इस प्रकार की वाक्पीठों से अधिकाधिक सीखकर जावें। समारोह के मुख्य अतिथि खेमाराम मेघवाल ने कहा कि सरकारी स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षक होने व साधन सुलभ करवाने के बावजूद भी सरकारी स्कूलों को आज हीन दृष्टि से देखा जाने लगा है । ऐसे में हमे चाहिए कि हम इन विद्यालयो का परिणाम का प्रतिशत व गुणवत्ता में सुधार कर फिर खोई हुई छवि को हासिल करे ।

विशिष्ट अतिथि कन्या महाविद्यााय की प्राचार्या डॉ. मधुमंजरी दुबे ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी सरकारी विद्यालयों की छवि गिरने के पीछे प्रमुख कारण रही है। जिसके लिए मैं विधायक से मांग करती हूं कि वे सरकार के समक्ष इस समस्या को गंभीरता से उठाकर शिक्षकों को पर्याप्त संख्या में विद्यलायों में लागवाने की व्यवस्था करावें। डॉ. दुबे ने कहा कि जिस प्रकार से आज मोबाईल संस्कृति का विकास हो रहा है, ऐसे में संस्कारित शिक्षा देना संघर्ष से कम नहीं है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रुप में शिक्षा उन्नयन कार्यक्रम से डॉ. संजय शर्मा, अतिरिक्त जिाा शिक्षा अधिकाररी महेंद्रसिंह पड़िहार, विद्याधर पारीक, हाजी शम्सूद्दीन स्नेही, भंवरलाल गिलाण, योगाचार्य पवन शर्मा उपस्थित थे। प्रधानाचार्य सरोजवीर पूनिया ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि हमें इस प्रकार की संगोष्ठियों से अपने गुणों का और अधिक विकास करना चाहिए।

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