
21 फरवरी 2015 बरोज शनिवार बाद नमाजे इशा मस्जिद मोहम्मदी अहले हदिष के पास नोजवान कमैटी जमियत अहले हदिष सुजानगढ़ के द्वारा एक तक़रीरी प्रोग्राम रखा गया, जिसमे शैख़ शब्बीर अहमद सनबिली (सीकर) व् शैख़ कलाम अहमद सिराजी इमाम मस्जिद मोहम्मदी ने खिताब किया , जिसमे तक़रीबन 400 मर्द व् खवातीन ने हिस्सा लिया । शैख़ शब्बीर अहमद सनबिली ने आवाम से ख़िताब करते हुए फ़रमाया की वो सिर्फ एक अल्लाह की इबादत करे और अल्लाह को छोड़कर किसी दूसरे की इबादत न करे इसके साथ साथ उन्होंने माँ- बाप के साथ हुसने सुलुक करने का भी पैगाम दिया और शैख़ कमल अहमद सिराजी ने आवाम से ख़िताब करते हुए फ़रमाया की मुसलमानो को चाहिए की वो अपने आपस के इख्तिलाफो को खत्म करके एक जमात बन जाये आपस में एक दूसरे से नफरत करने के बजाये आपस में एक दूसरे से मोहब्बत करे और अल्लाह और उसके रसूल स. अ. व. का जो फरमान हैं की एक मुस्लमान दूसरे मुस्लमान का भाई हैं इस फरमान को सामने रखते हुए आपस भाई- भाई बनकर रहे ।