श्री देवसागर सिंघी जैन मन्दिर के शताब्दी समारोह में ‘‘जैन धर्म – विकास एवं शांति – सह अस्तित्व का धर्म’’ विषयक संगोष्ठी में उपस्थित गुणीजनों को सम्बोधित करते हुए जैन विश्वभारती विश्व विद्यालय लाडनूं की कुलपति समणी चारित्र प्रज्ञा ने कहा कि भारतीय दूसरी सभ्यताओं की नकल न करके स्वयं अपनी सभ्यता एवं संस्कृति को आगे बढ़ावें। भारतीय बहुत प्रतिभाशाली है। पूरे विश्व में आई.टी. क्षेत्र भारतीयों का कोई मुकाबला नहीं है। संगोष्ठी में ‘‘शाकाहार और प्राकृतिक मित्रता’’ पर मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के प्राकृत जैन दर्शन विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. प्रेम सुमन जैन, विश्व शांति के संदर्भ में जैन धर्म की भूमिका विषय पर राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान जयपुर के प्रो. कमलेश कुमार जैन और धार्मिक एव. सांस्कृतिक वैविध्ययुक्त विश्व में अनेकान्तवाद का महत्व डा. योगेश जैन ने विचार व्यक्त किये।
जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय लाडनूं के दूरस्थ शिक्षा निदेशक डा. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ‘रत्नेश’ के संयोजन में संचालित संगोष्ठी में प्रो. श्रेयांस संघवी, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान जयपुर ने बदलते विश्व में जैन दर्शन की भूमिका, विषय में विचार व्यक्त किये। प्रो. जिनेन्द्र जैन मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर ने व्यवसायिक एवं पारिवारिक मूल्यों के निर्धारण में जैन धर्म की भूमिका के सम्बन्ध में और डा. सरोज जैन ने आधुनिक तकनीकी और जैन धर्म के विषय में विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में डा. समणी आगमप्रज्ञा ने भी जैन धर्म व दर्शन के सम्बन्ध में विचार व्यक्त किये। संगोष्ठी का संचालन डा. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ‘रत्नेश’ ने किया। कार्यक्रम में ट्रस्टी विजयराज सिंघी, धनपत सिंघी व रणजीत सिंघी ने अतिथियों का स्वागत किया। संयोजिका कमला सिंघी ने आभार व्यक्त किया।
भारतीय डाक विभाग द्वारा डाक टिकट व विशेष आवरण लोकार्पित
भारतीय डाक विभाग द्वारा माई स्टाम्प योजनार्न्तगत सिंघी मन्दिर के शताब्दी समारोह में डाक टिकिट एवं विशेष आवरण को अतिथिगणों ने संगोष्ठी में लोकार्पित किया। कार्यक्रम में डाक विभाग के प्रतिनिधि के रूप में डाक विभाग चूरू के अधीक्षक रामसिंह ने आयोजकीय पृष्ठभूमि को रेखांकित किया। कार्यक्रम में फिलाटेलिक ब्यूरो जयपुर के राकेश कुमार शर्मा, जोधपुर के ब्यूरो प्रभारी हेमाराम व मार्केटिंग एक्जीकिटिव लाडनूं आर.डी. चारण उपस्थित थे।
स्मारिका का विमोचन
शताब्दी समारोह के अर्न्तगत सिंघी मन्दिर शताब्दी समारोह में स्मारिका का भी अतिथिगणों ने विमोचन किया। कार्यक्रम में अनेक धर्मप्रेमी एवं प्रबुद्धजन उपस्थित थे।