शहर में महाशिवरात्रि का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। नगर के शिव मन्दिरों में सुबह से ही शिवभक्त्तों का तांता लगा जो दोपहर बाद तक अनवरत जारी रहा। हर-हर महादेव, ऊं नम:शिवाय: से शिवालय गुंजायमान हो रहे थे। महिलाओं, बच्चों व पुरूषों ने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक किया के साथ ही आक, धतुरों व बिल्व पत्रों से पूजा कर आरती की। वहीं अनेक शिवभक्तों ने भगवान आशुतोष का रूद्राभिषेक भी किया।
कस्बे के संकट मोचन हनुमान मन्दिर, शिव बाड़ी, शिव मन्दिर, मौजीदास जी का धुणा, ठरड़ा शिवालय, ठरड़ा रोड़ स्थित पंचमुखी बालाजी मन्दिर सहित अनेक मन्दिरों में शिवभक्त दिनभर भोलेनाथ को रिझाने में जुटे रहे। गोगामेड़ी के पास स्थित आत्माराम बाबा की बगीची में भगवान शिव के नवनिर्मित मन्दिर में शिव परिवार की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई। मोहनदास महाराज, मूलनाथ महाराज, शांतिनाथ महाराज, महंत कालीदास सहित अनेक संतो ने फीता काटकर मंदिर का उद्घाटन किया व उसके बाद पूर्ण वैदिक विधि विधान के साथ शिव दरबार की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा हुई। सुभाष बैद, बजरंगलाल सैन, मनोहरलाल बागड़ा व जुगराज दर्जी सहित अनेक लोगों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद भंडारे का आयोजन किया गया। इसी प्रकार मांडेता के श्रीकाशीपुरीश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक स्वामी कानपुरी महाराज के सानिध्य में किया गया। कोठारी रोड़ स्थित काली माता मंदिर में मनसापूर्ण महादेव का पहली शिवरात्रि पर अभिषेक किया गया, जिसमें मनीष तूनवाल, सुभाष जोशी, चंपालाल नाई, अशोक प्रजापत सहित अनेक भक्तों ने भाग लिया। इसी प्रकार कसे के अन्य शिवालयों में भी दिनभर शिवपूजा का सिलसिला जारी रहा।