
वेंकटेश्वर मन्दिर में आयोजित ब्रह्मोत्सव में बुधवार को भगवान का विवाह सम्पन्न हुआ। दक्षिण भारतीय विद्वान पंडित कृष्ण कुमार भट्टर के सानिध्य में विद्वान पंडितजनों द्वारा वैदिक मंत्रोंच्चारण के साथ कल्याणोत्सव के रूप में मनाये गये भगवान के विवाह को सम्पन्न करवाया। बुधवार सुबह से ही अनेक धार्मिक आयोजनों के साथ हुए भगवान के विवाह को देखने के लिए मन्दिर में अनेक श्रद्धालु आये, जिससे मन्दिर परिसर छोटा पड़ गया। मन्दिर की ट्रस्टी मंजूदेवी जाजोदिया की देख-रेख में आयोजित ब्रह्मेत्सव का आज गुरूवार को भगवान की गरूड़ सवारी के नगर भ्रमण के साथ समापन हो जायेगा।
प्रतिवर्ष बसन्तपंचमी से प्रारम्भ होने वाले ब्रह्मोत्सव में अनुज्ञा, मृतिका, संग्रहण, अंकु रारोपण, विष्वक्सेन, वेद प्रबन्ध पाठ, प्रात: पूजा, रक्षा बंधन, हवन, ध्वजारोहण, उत्सव, तिरूमंजन, अभिषेक, वेद पाठ, भोगादि-प्रसाद वितरण, भेरी पूजा, कुम्भ स्थापना, यज्ञशाला होम, सवारी, कल्याणोत्सव, भगवान का विवाह, चक्रस्नान, अवभसृतोत्सव आयोजित होते हैं तथा अंतिम दिन भगवान की गरूड़ सवारी नगर भ्रमण के लिए निकलती है। व्यवस्थापक मोहनसिंह राठौड़ की अगुवाई में मन्दिर के कर्मचारी एवं श्रद्धालुजन आयोजन को सफल बनाने में जुटे हुए हैं।