कस्बे के ह्रदय स्थल घंटाघर के नजदीक स्थित शहर के पुरातन मन्दिरों में से एक लक्ष्मीनाथ मन्दिर से भगवान लक्ष्मीनाथ की मूर्ति सहित अष्टधातू की चार मूर्तियां चुराकर अज्ञात चोर ले गये। सुबह मन्दिर के पूजा करने के लिए पुजारी विजय कुमार मिश्रा आया तो मन्दिर के मुख्य दरवाजे पर लगा ताला टूटा मिला। उसके बाद उसने अपने परिजनों को मन्दिर में चोरी होने की सूचना दी तथा मन्दिर में दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं के आने पर मन्दिर में चोरी की सूचना शहर में आग की तरह फैलने के साथ ही आस्था केन्द्र पर लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया। सूचना मिलने के साथ सीआई भूराराम खिलेरी जाप्ते के साथ पंहूचे।
एसएफएल टीम ने लिये फिंगर प्रिंट
चोरी की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधीक्षक राहूल कोटोकी ने एसएफएल की टीम को भेजा। टीम ने मौके पर पंहूचकर फिंगर प्रिंट लिये। टीम के सदस्य महेन्द्रसिंह, भीमसिंह व फोटोग्राफर रविन्द ने मौके से फिंगरप्रिंट उठाये हैं।
ये हुई है एफआईआर
पुलिस सूत्रों के अनुसार मन्दिर के पुजारी विजयशंकर पुत्र रामरतन मिश्र ने रिपोर्ट में बताया कि उसके पिताजी रामरतन जी का वर्तमान में ओसरा चल रहा है। 18 दिसम्बर की रात्री 8 बजे वह ठाकूर जी को शयन करवाकर सभामण्डप के तीन ताले लगाकर तथा मुख्य द्वार पर ताला लगाकर घर गया था। सुबह भगवान की सेवा पूजा करने आया तो देखा कि मन्दिर का मुख्य दरवाजा खुला पड़ा है, अन्दर जाकर देखा कि सभामण्डप के ताले भी टूटे पड़े हैं तथा अन्दर आसन पर मूर्तियां विराजमान नहीं है। रिपोर्ट में बताया गया कि भगवान लक्ष्मीनाथ जी, बांकेबिहारी जी, चारभूजा व महारानी की अष्टधातू की मूर्तियां मुकुट एवं पहनाई हुई पोशाकों व गहनों सहित कोई चुरा कर ले गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
मौके पर ये हुई है बरामदगी
सीआई भूराराम खिलेरी ने बताया कि पुलिस को मन्दिर के सामने स्थित खाली प्लॉट मेें एक रस्सा मिला है तथा थोड़ी दूर स्थित नोहरे से एक बिना लकड़ी की गैंती व एक कटर मिला है। जबकि मन्दिर के अन्दर से कुछ नहीं मिला है।
लगे सीआई के खिलाफ नारे
एएसपी बुगलाल मीणा व उपखण्ड अधिकारी अजय आर्य ने घटनास्थल का मुआयना कर जब व्यापारियों एवं अन्य लोगों से वार्ता कर रहे थे तभी भीड़ ने सीआई के खिलाफ नारे लगाते हुए सीआई हटाओ सुजानगढ़ बचाओ तथा विष्णुदत लाओ सुजानगढ़ बचाओं के नारे लगाये।
कहां गई सीसीटीवी कैमरों की राशि
उपखण्ड अधिकारी अजय आर्य व एएसपी बुगलाल मीणा से वार्ता के दौरान व्यापार मण्डल अध्यक्ष प्रदीप तोदी ने कहा कि अगस्त में पुलिस थाने में हुई सीएलजी की बैठक में व्यापारियों से बाजार में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए पैसे देने को कहा गया था। व्यापारियों ने पैसे दिये थे। सीसीटीवी कैमरे लगे भी थे, लेकिन कैमरे लगाने वाले को भुगतान नहीं होने के कारण उसने कैमरे वापस उतार लिये। तोदी ने एएसपी व एसडीएम से सीसीटीवी कैमरों के नाम पर व्यापारियों से एकत्रित किये गये रूपये कहां गये इसकी जांच करवाने की मांग की।
विरोध में रहे बाजार बंद
लक्ष्मीनाथ मन्दिर में हुई चोरी के विरोध में कस्बे के बाजार बंद रहे। सुबह जैसे ही मन्दिर में चोरी होने का समाचार शहर में आग की तरह फैला उसके बाद कस्बे के व्यापारियों ने विरोध स्वरूप अपने प्रतिष्ठान नहीं खोले। अकस्मात ही बाजार बंद होने के कारण गांवों से खरीददारी करने आने वाले ग्रामिणों को निराश व मायूस होकर वापस लौटना पड़ा। बाजार बंद होने से लोग चाय व पान पुडिय़ा तक को तरस गये।
बैठक के बाद उपखण्ड अधिकारी को सौंपा ज्ञापन
शुक्रवार शाम को मन्दिर परिसर में कस्बे के सभी व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों व सभी समाजों के पदाधिकारियों व मन्दिर के पुजारी परिवार की उपस्थिति में हुई बैठक में मंगलवार तक मन्दिर से चुराई गई मूर्तियों एवं अन्य सामान की बरामदगी तथा आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर आगामी मंगलवार को वापस होने वाली बैठक में अनिश्चितकालीन बंद रखने का निर्णय लिया जा सकता है। मंगलवार से पहले सभी व्यापारिक संगठन अपनी-अपनी बैठकें कर गिरफ्तारी व बरामदगी नहीं होने पर आगामी मंगलवार के बाद होने वाले सम्भावित बंद को लेकर अपना समर्थन देने के बारे में निर्णय करेंगे। बैठक के बाद उपखण्ड अधिकारी अजय आर्य को इस आशय का एक ज्ञापन भी सौंपा गया। ज्ञापन सौंपने गये प्रतिनिधि मण्डल में बैठक में शामिल सभी उपस्थित गणमान्यजन शामिल थे। इससे पूर्व शुक्रवार सुबह मन्दिर के पुजारी परिवार एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्यों व उपस्थितजनों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर मन्दिर चोरी प्रकरण की जांच छापर थाना प्रभारी विष्णुदत विश्नोई को देने, सीआई बी.आर. खिलेरी को हटाने, विष्णुदत विश्नोई को सुजानगढ़ थाने का प्रभारी बनाने, रात्री गश्त को मजबूत करने, सीएलजी की बैठक शीघ्र बुलाने की मांग की गई।
पुलिस की रात्री गश्त पर लगा सवालिया निशान
बीच बाजार में स्थित मन्दिर से मूर्तियां चोरी होने से पुलिस की रात्री गश्त पर सवालिया निशान लग गया है। मौके पर उपस्थित लोगों की भीड़ में शामिल लोग कह रहे थे कि शहर में पुलिस का कोई भय नहीं है। घंटाघर के पास रात्री गश्त करने वाले बैठे रहते हैं, इसके बाद भी मन्दिर में चोरी हो जाती है। शहर में गत वर्षों में गणेश मन्दिर, भैरूंजी मन्दिर में हुई चोरियों का भी अभी तक खुलासा नहीं होने को लेकर भी लोगों में आक्रोश था।
20 वर्ष पूर्व भी हुई थी चोरी
मन्दिर के पुजारी ओमप्रकाश मिश्र ने बताया कि लक्ष्मीनाथ मन्दिर में करीब बीस वर्ष पूर्व 23 फरवरी 1984 को भी चोरी हुई थी। जिसमें चांदी के तीन मुकुट, तीन चन्द्रकला, चांदी के दो छोटे सिंहासन छत्रशुदा, शिवजी की जलेरी, हनुमान जी की गदा, आरती, लोटा, प्याला, धुपिया, तामड़ी, चांदी के पंचपात्र, षटकॉप, बांसुरी आदि चोरी हो गये थे। जिसकी सुजानगढ़ थाने में 25 फरवरी 1984 को एफआईआर करवाई गई थी। लेकिन बीस वर्ष बाद भी बरामदगी व आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
सैंकड़ों वर्ष पुराना है मन्दिर
मन्दिर के पुजारी ओमप्रकाश मिश्र ने बताया कि सुजानगढ़ की स्थापना के साथ ही इस मन्दिर और गढ़ (वर्तमान पुलिस थाना) की नींव रखी गई थी। मन्दिर का निर्माण ह्रदयराम मोहनराम मिश्र ने कराया था, जो इसकी सेवा पूजा भी करते थे। बीकानेर दरबार की बही संख्या 31 में इस मन्दिर का पट्टा दर्ज है। बीकानेर दरबार की ओर से मिश्र परिवार को श्रावण के प्रथम पक्ष की तिथि 4 सम्वत 1882 को ताम्र पत्र दिया गया था कि इस क्षेत्र में ये पुजारी ही भागवत कथा का वाचन करेंगे। मन्दिर का पुर्नरूद्धार सेठ रामकिशनदास गाड़ोदिया एवं उनके पुत्रों द्वारा माघ सुदी 5 सम्वत 1987 को करवाया गया।
देवस्थान विभाग के अधीन है मन्दिर
ओमप्रकाश मिश्र ने बताया कि यह मन्दिर देवस्थान विभाग के अधीन है। इसे अधीन लेने की प्रक्रिया के तहत देवस्थान विभाग द्वारा 27 अप्रेल 1981 को एक विज्ञप्ति जारी कर मन्दिर को अपने अधीन ले लिया गया, लेकिन अधिग्रहण दिसम्बर 1985 में हुआ।