स्थानीय पुलिस थाने में राजकार्य में बाधा डालने के आरोप का मामला दर्ज हुआ है। पुलिस सूत्रों के अनुसार राजकीय बगड़िया चिकित्सालय में कार्यरत डा. नरेन्द्रसिंह राठौड़ द्वारा जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, उपखण्ड अधिकारी, पुलिस उप अधीक्षक तथा पीएमओ को प्रेषित की गई शिकायत के आधार पर राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज किया गया है। राठौड़ ने अपनी शिकायत में बताया कि 26 नवम्बर को शाम चार बजे वार्ड में भर्ती मरीजों की सार सम्भाल करने के लिए राउण्ड पर आया था, उस दौरान एक व्यक्ति महावीर पोसवाल जो अपने आपको पथिक सेना का प्रदेशाध्यक्ष बता रहा था, ने भर्ती मरीजों के बारे में पूछताछ करनी प्रारम्भ कर दी।
मेरे द्वारा मरीजों की जांच करने और बाद में बात कर लेने का निवेदन करने के बाद भी वह नहीं माना और अपने साथ आये लोगों के साथ मिलकर साइड रूम में अन्दर आकर मेरा गला पकड़ लिया तथा मेरे साथ गाली गलौच की। इस दौरान अस्पताल में मौजूद श्योपालसिंह राठौड़ व डा. करणीदान चारण ने बीच-बचाव कर मुझे छुड़ाया तथा मुझे सुरक्षित कमरे में बंद कर दिया। उसके बाद भी महावीर पोसवाल आदि लोग नहीं माने और वार्ड की गैलरी में खड़े होकर मुझे गाली बकते हुए धमकी दी कि बीस हजार रूपये नगदी मुझे दे ओ, अन्यथा मैं तुम्हारे खिलाफ झूठे मुकदमें दर्ज करवा दूंगा एवं तुम्हारी व्यक्तिगत छवि धुमिल कर दूंगा।
शिकायत में राठौड़ ने महावीर पोसवाल पर ड्यूटी तथा राजकीय सेवा में बाधा डालने एवं अपना कार्य नहीं करने देने और भर्ती मरीजों को चिकित्सकीय उपचार से प्रभावित कर बाधा पंहूचाने और उस दिन से लगातार जान से मारने की धमकी देने तथा बीस हजार रूपये की नाजायज मांग कर राजीनामा करने का आरोप लगाया है।