सरकारी चिकित्सालय में भर्ती मरीज की चीरफाड़ करने के बाद उसे ऑपरेशन के लिए मना करने पर हुए हंगामे के बीच डा. नरेन्द्रसिंह राठौड़ पर मरीज की पैरवी करने वाले पथिक सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महावीर पोसवाल ने जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। प्रेस विज्ञप्ति में पोसवाल ने बताया कि राजकीय बगड़िया चिकित्सालय में मुन्नीदेवी पत्नि हीरालाल प्रजापत बच्चेदानी के ऑपरेशन के लिए भर्ती हुई थी। जिसकी सम्पूर्ण जांच करने के बाद डा. नरेन्द्रसिंह राठौड़ ने ऑपरेशन थियेटर में ले जाकर उसके पेट को चीरा लगाया और उसके बाद वापस टांके लगाकर वार्ड में शिफ्ट कर दिया। उसके बाद डा. राठौड़ ने परिजनों को बताया कि यह ऑपरेशन मेरे वश की बात नहीं थी। ऑपरेशन नहीं हुआ है, आप इन्हे बीकानेर या जयपुर ले जाना।
तब पीड़िता के पति हीरालाल प्रजापत ने पथिक सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महावीर पोसवाल को आपबीती बताई। अस्पताल पंहूचकर पोसवाल ने पीड़ित परिवारजनों से पूरी जानकारी लेने के बाद डॉक्टर राठौड़ से मिले, जिस पर डा. राठौड़ ने पोसवाल से कहा कि आप कौन होते हैं पूछने वाले और क्या करना है और क्या नहीं करना ये तय करना मेरा काम है, आपका नहीं। पोसवाल के पुछने पर कि जांच के बिना आप इन्हे ऑपरेशन के लिए क्यों ले गये और फिर बिना ऑपरेशन किये ही चीरा लगा दिया। जबकि जांच में साफ लिखा कि बच्चेदानी में गांठ है।
इस पर डा. राठौड़ ने कहा कि तेरे से जो बन पड़ता है, वो कर ले, मेरी शिकायत की तो मेरा नाम नरेन्द्रसिंह राठौड़ है, तुम्हारा मर्डर कर दूंगा। पोसवाल ने बताया कि डा. राठौड़ ने सैंकड़ों लोगों की मौजूदगी में मेरा मर्डर करने की धमकी मुझे कईं बार दी। पोसवाल ने बताया कि डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होते हैं, लेकिन इस तरह के व्यवहार ये जल्लाद के रूप में सामने आया है। पोसवाल ने इस प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने की बात कही है। पीड़िता के पति हीरालाल प्रजापत ने बताया कि डा. राठौड़ ने उससे उसकी पत्नी का ऑपरेशन करने के बदले पांच हजार रूपये लिये थे, जो बाद में वापस लौटा दिये।