एन.के. लोहिया स्टेडियम में शिव संस्थान ठरड़ा धाम एवं श्रीराम कथा आयोजन सेवा समिति के संयुक्त तत्वाधान में नानी बाई रो मायरो कथा का आज शुभारम्भ हुआ। व्यासपीठ पर विराजमान होकर कथावाचक मुरलीधर महाराज ने मायरे का अमृतपान करवाते हुए कहा कि भगवान को भक्ति प्रिय है। अपना सर्वस्व न्यौछावर कर निष्काम भक्ति करने वाले भक्त के लिए भगवान भी अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देते हैं। भक्तिमति मीरां बाई और नरसी भगत की अटूट भक्ति का उदाहरण देते हुए महाराज ने कहा कि भगवान भाव के भुखे होते हैं, न कि वासना के भुखे। महाराज ने कहा कि अपने समय का सबसे बड़ा नगर सेठ एक ही क्षण में अपना सर्वस्व त्याग कर भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन हो जाता है।
इससे बड़ा भक्ति का अनुपम उदाहरण दुर्लभ है। मायरे के प्रथम दिन सांवरिया सेठ द्वारा हुण्डी सिकारने एवं लोगों द्वारा ईष्र्यावश नरसी के पिता के श्राद्ध का पूरे गांव को न्यौता देकर भक्तराज को नीचा दिखाने के प्रयास की कथा का मार्मिक वर्णन करते हुए भक्त वत्सल भगवान द्वारा अपने अनन्य भक्त की लाज रखने के प्रसंग का अमृत पान करवाया। महाराज ने कहा कि साधु बनने के बाद धन संग्रह करना बहुत बड़ा पाप है। समिति प्रवक्ता भंवरलाल गिलाण ने बताया कि मायरे की कथा प्रारम्भ होने से पूर्व मुख्य यजमान सत्यनारायण अरोड़ा एवं यजमान पवन कुमार मुंधड़ा ने सपत्निक कथा की पूजा-अर्चना की।
इस अवसर पर नरसी भक्त व सांवरिया सेठ की सजीव झांकियां सजाई गई। कथा के समापन पर भामाशाहों एवं कार्यकर्ताओं का कथा वाचक मुरलीधर महाराज ने माला व दुपट्टा भेंट कर सम्मान किया। कथा के दौरान महिलाओं एवं पुरूषों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। जिससे पाण्डाल छोटा पडऩे लग गया है।