राजस्थान गौरव व पदमश्री अलंकरण से सम्मानित राजस्थानी भाषा के मूर्धन्य साहित्यकार कन्हैयालाल सेठिया की 95 वीं जयन्ति समारोहपूर्वक मनाई गई। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में वाई.डी.सी.के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों ने स्व. कन्हैयालाल सेठिया की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया। मरूदेश संस्थान अध्यक्ष युवा साहित्यकार घनश्यामनाथ कच्छावा ने कार्यक्रम के प्रारम्भ में सेठिया के समग्र साहित्य पर प्रकाश डालते हुए उनकी रचनाओं को कालजयी बताया। स्वागत भाषण देते हुए महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. एच.एल. गोदारा ने राजस्थानी भाषा को समृद्ध भाषा मानते हुए इसकी संवैद्यानिक मान्यता पर चिन्ता व्यक्त की। हीरालाल दाधीच ने सेठिया जी का अमर गीत ”पाथळ-पीथळ प्रस्तुत की। तत्पश्चात वरिष्ठ कवि चौधरी सुल्तान खान राही ने ”मां तेरा सौ साल री, सेवा करी कमाल की, करोड़पति कंगाल की, अरथी बणगी पालकी, जय कन्हैयालाल की सुनाकर वाह-वाही लुटी। लाडनूं के प्रख्यात कवि राजेश विद्रोही ने समन्दर के ह्रदय का राग गहराईयां देगी मुक्तक सुनाकर तालियां बटोरी। उनकी प्रसिद्ध रचना बेटियां भी लोगों ने चाव से सुनी।
वरिष्ठ कवि रामकुमार तिवाड़ी लाडनूं की हास्य रचनाओं खूब दाद पाई। उनकी कोई मनावे ही कोनी तो रूठा क्यों…. और पेड़ की व्यथा ने करतल ध्वनी से खूब सराहना पाई। प्रो. डा. प्रेम बाफना के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में हाजी शम्सूद्दीन स्नेही ने न हिन्दू से गरज ना मुसलमान की जरूरत है वक्त को आज इंसान की जरूरत है सुनाकर दाद पाई।। कवियत्रि डा. अरूणा सोनी ने रचना अरूण किरण तरूण लाली फैली चारों ओर खुशहाली सुनाकर तालियां बटोरी। गीतकार यासीन अख्तर लाडनूं ने सच बोलने वाला कभी शर्मिन्दा नहीं होता एक रात में अधूरा सपना पूरा नहीं होता सुनाकर प्रशंसा प्राप्त की। उनकी गजलों ने भी समां बांधा। युवा कवि मनोज शर्मा मनु की राजस्थानी रचनाओं पर श्रोताओं ने खुब ठहाके लगाये। प्रो. सुखदेव नेहरा ने पतझड़ बयां चली सुनाकर प्रशंसा प्राप्त की।
डा. प्रेम बाफना ने बेटी के उद्गार शीर्षक से बेटियों के दर्द का रेखाचित्र उकेरा। युवा साहित्यकार घनश्यामनाथ कच्छावा की राजस्थानी रचना कांई भरौसौ पर करतल सराहना मिली। उन्होने पथिक ! थको मत इतना नजदीक आकर मिट जायेगी तुम्हारी थकान मंजिल पाकर सुनाकर श्रोताओं को भाव गम्भीर कर दिया। काव्य गोष्ठी के अध्यक्ष प्रो. हीरालाल गोदारा की रचना खेजड़ळी की खूब सराहना हुई। कार्यक्रम में प्रो. के.बी. शर्मा, अबदूल अजीज, विकास शर्मा, हंसराज परिहार, प्रो. चतरसिंह डोटासरा, भींवाराम, प्रो. महेन्द्र चौधरी, प्रो. बाबूलाल, प्रो. महेन्द्र वर्मा आदि ने आगन्तुक अतिथियों का सम्मान किया। कार्यक्रम में बी.जी. शर्मा, मुकेश रावतानी, कैप्टन हनुमान चन्देलिया, कमलनयन तोषनीवाल, वरिष्ठ पत्रकार नृपतकुमार लोढ़ा, मुबारक अली सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे।