जम्मू कश्मीर की बाढ़ में फंसे सुजानगढ़ व आस-पास के गांवों के करीब 50 जने सोमवार को सुरक्षित सुजानगढ़ पंहूचे। तहसील के भीमसर, मलसीसर, सुजानगढ़ व लाडनूं तहसील के तंवरा सहित आस-पास के गांवों के जुती बनाने एवं बूट पॉलिश का काम करने वाले सुजानगढ़ पंहूचे 50 जनों ने एक स्वर में कहा कि भारतीय सेना नहीं होती तो आज हम जिन्दा नहीं होते। सेना ने ही हमारे खाने की व्यवस्था की तथा सरकारी विमान से श्रीनगर एयरपोर्ट से दिल्ली भेजने का कार्य किया। उन्होने बताया कि उनके साथ 18 बच्चे, 15 महिलाओं सहित कुल 50 जनों को सेना ने सकुशल उनके घर पंहूचाने का कार्य किया है।
मलसीसर की सुमनदेवी ने बताया कि बटमालू, कमरवाड़ी, लाल चौक, पंता चौक, बाईपास पर पॉलिश व जूते बनाने का कार्य करते थे। तीन सितम्बर को बाढ़ आने के बाद हालात खराब हो गये थे। इसी क्रम में भीमसर के ताराचन्द, भींवाराम, रोशन, अनिल, जयपाल, शिवकुमार, सुशीलादेवी, प्रवीण, श्रवणकुमार, सुमनदेवी, शिवकुमार, कैलाशचन्द्र, रितेश, धर्मपाल सालासर, मलसीसर के राजू, मीरां, अनिल, सुनील, बंटी, गजानन्द, मुन्नी सहित सुजानगढ़, रोड़ू, लोसल के लोग अपने रिश्तेदारों के के साथ सोमवार को पंहूचे तो भीमसर के श्रवण ढिढ़़ारिया, सुरेशसिंह, प्रहलादसिंह, राजेन्द्र ने माल्यार्पण कर स्वागत किया।