
जम्मू कश्मीर की प्राकृतिक आपदा में फंसे आस-पास के 12 लोग सकुशल वापस लौट आये हैं। इन लोगों से सकुशल वापस लौटने से परिवारजनों एवं परिचितों में खुशी का माहौल है। जम्मू कश्मीर से भौजलाई गांव का धारजी, उसकी पत्नी मरवण व उनका एक बच्चा शामिल है। सांगलिया गांव के जगदीश पत्नी नगीना, उनके बच्चे सीमा व पूनम, सुजानगढ़ के विनोद, उसकी पत्नी जमुना, विनोद की बहिन लिछमा, लिछमा के बच्चे सचिन व रिंकू वापस आये हैं। लिछमा ने बताया कि उसके पति पप्पू उन्हे ढ़ूढऩे श्रीनगर गये हैं, लेकिन हम यहां आ गये हैं।
ऐसे में हमारा उनसे कोई सम्पर्क नहीं हो रहा है। विकलांग होकर भी बाढ़ में अपने जज्बे का परिचय देने वाले विनोद कुमार ने बताया कि हम लोग श्रीनगर के कमरवाड़ी में फंसे हुए थे। जहां बाढ़ आने से एक घंटे पहले चेतावनी दी गई थी। ऐसे में अनेक लोग बाढ़ में ही बह गये। आंखों से वो नजारा देखना हमारे लिये खतरनाक था। विनोद का कहना है कि हम लोग किसी गाड़ी में बैठकर कमरवाड़ी से बटमालू पंहूचे। जहां दो मंजिल तक पानी था। हम लोग तीन दिन-दो रात बिना कुछ खाये पीये रहे। फिर पानी उतरने पर वहां से टंकीपुरा के लिए निकल गये। वहां पुल पर दो दिन बिताये और वहां पानी उतरने के बाद श्रीनगर एयरपोर्ट पंहूचे। जहां से एयर इंडिगो की फ्लाईट पकड़ कर दिल्ली और वहां से सुजानगढ़ पंहूचे। विनोद ने बताया कि हम जिस क्षेत्र में थे, वहां पर सेना की एक बटालियन रूकी हुई थी, लेकिन ज्यादा बाढ़ होने के कारण सेना के जवान भी बाढ़ में फंस गये। ऐसे में हमें अपनी मदद स्वयं करनी पड़ी। तीन दिन बाद हैलीकॉप्टर से भोजन आने पर ही हमने थोड़ा अनाज खाया।