
पुलिस कार्यवाही में शिथिलता के चलते एक जने के पैर के ऊपर से ट्रैक्टर निकालकर उसे बुरी तरह जख्मी करने के आरोपी खुलेआम घुम रहे हैं। पीडि़त राजूराम पुत्र लिखमाराम जाट ने बताया कि गत 24 जुलाई को उसने सुजानगढ़ के सरकारी अस्पताल में सालासर को पर्चा बयान देकर गाय घेरने की बात को लेकर उसके गांव के ही बीरबल पुत्र हीराराम जाट तथा रामकुमार पुत्र हीराराम जाट के खिलाफ जान से मारने की नियत से उसके ऊपर से टै्रक्टर निकालने का मामला दर्ज करवाया था।
लेकिन पुलिस ने आज दिन तक ना तो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और ना ही वारदात में काम लिये गये ट्रैक्टर को जब्त कर सीज किया है। पीडि़त ने पुलिस पर प्रकरण में ढि़लाई बरतने का आरोप लगाया है। पीडि़त राजूराम ने घटना का ब्यौरा देते हुए बताया कि 23 जुलाई को वह अपने घर पर था, तभी गांव के गुवाड़ से गायों को खेतों की तरफ जाते देखा तो मैने अपने लड़के बाबूलाल को को कहा कि गायों को दूसरी तरफ घेर दो। जिस पर बाबूलाल ने लाठी लेकर गायों को दूसरी तरफ घेर दिया। उसी समय गांव का ही बलवीर पुत्र हीराराम जाट अपना टै्रक्टर लेकर आया और मेरे लड़के के हाथ से लाठी छीन कर उसके दो-तीन थप्पड़ मार दिये। लड़का रोता हुआ घर आया तो मेरे पुछने पर उसने बताया कि बलवीर ने उसके थप्पड़ मारे हैं।
इतने में बलवीर अपना ट्रैक्टर लेकर मेरे घर के सामने आ गय। तब मैने से रोक कर पुछा कि क्या बात हुई तो बलवीर टै्रक्टर लेकर अपने घर चला गया। थोड़ी देर पश्चात रामकुमार पुत्र हीराराम जाट अपने हाथ में लाठी लेकर आया तथा उसके पीछे-पीछे बलवीर भी अपना ट्रैक्टर लेकर आ गया। मैने दोनो को समझाने की कोशिश की तो बलवीर ने ट्रैक्टर खड़ा कर दिया व मेरे ऊपर लाठी से वार किया। मैने लाठी पकड़ ली, तब बलवीर ने मुझे लाठी सहित ट्रैक्टर की तरफ खींच लिया व बलवीर ने जान से मारने की नियत से ट्रैक्टर का पिछला टायर मेरी साथलों के ऊपर से निकाल दिया। मैं नीचे सड़क पर गिर गया और बलवीर टै्रक्टर लेकर भाग गया। रामकुमार ने मेरी पत्नी सन्तोष की पीठ पर लाठी से चोट मारी। हमारे द्वारा रोळा करने पर मेरी मां भगवानदेवी व पड़ौसी आ गये।
उन्होने दकाला तो रामकुमार भी भाग गया। उसके बाद सूचना देने पर सालासर थाने से पुलिस आई और मुझे सुजानगढ़ के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां पर मेरी गम्भीरावस्था को देखते हुए मुझे जयपुर रैफर कर दिया गया। पीडि़त रामकुमार ने बताया कि ऊपर से ट्रैक्टर निकलने के कारण गुप्तांगों पर चोट आई तथा कुल्हे की हड्डी व पैर टूट गया है। जिसके कारण चिकित्सकों ने पेट पर छेद कर पैशाब करने के लिए थैली लगाई है, जिसमें वह पैशाब कर रहा है। पीडि़त का आरोप है कि पुलिस ने अभी तक उसके साथ न्याय नहीं किया है।
इनका कहना है-
मैं मौके पर गया था। मैने दोनो पक्षों के बयान लिये हैं। मैं पांच दिन की छुट्टी पर बाहर हूं। जल्दी ही कार्यवाही की जावेगी।
पृथ्वीसिंह
जांच अधिकारी
पुलिस थाना सालासर।