
स्वर्ण जयन्ति शहरी रोजगार योजनान्र्तगत एक साल पहले प्रशिक्षण लेने वाली महिलाओं ने अपने बकाया भुगतान की मांग को लेकर नगरपरिषद के बाहर प्रदर्शन किया। परिषद के आयुक्त को सौंपे ज्ञापन में लिखा है कि प्रशिक्षणार्थियों ने अपने बकाया 1500 रूपयों का भुगतान करने तथा अन्य दिये जाने वाले सामान जैसे सिलाई मशीन आदि प्रशिक्षण लिए एक साल बीत जाने के बाद भी उन्हे बकाया भुगतान व सिलाई मशीन आदि सामान नहीं मिला है। सीमा, पन्ना, किसना, बसन्ती, जमना प्रजापत, नौरंगी, दीपिका, सुशीला, मीरा मेघवाल, चांद कंवर, गीता, शारदा, सरला सोनी, पुजा सांखला, विजय लक्ष्मी, तारा प्रजापत, भंवर कंवर, कविता जाट सहित अनेक महिलाओं के नाम ज्ञापन पर लिखे हुए हैं।
ये है प्रकरण
नगरपरिषद द्वारा स्वर्ण जयन्ति शहरी रोजगार योजनान्र्तगत अनेक संस्थाओं द्वारा विभिन्न ट्रैड में वर्ष 2013-14 को प्रशिक्षण दिया गया था। उक्त प्रशिक्षण बीपीएल परिवार के युवाओं को दिया जाता है। इस प्रशिक्षण के उपरान्त युवाओं को स्वयं का रोजगार प्रारम्भ करने के लिए तीन माह का 1500 रूपये मानदेय भत्ता व टूलकिट देने का प्रावधान है। प्रशिक्षण जून 2013 में पूर्ण हो गये थे। लेकिन बीपीएल परिवार के प्रशिक्षणार्थियों को अभी तक कोई भुगतान नहीं मिला है। जिसके कारण प्रशिक्षणार्थी मानदेय व टूलकिट के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। प्रशिक्षण देने वाली संस्था से सम्पर्क करने पर उन्होने कहा कि नगरपरिषद आयुक्त को बार-बाद निवेदन करने के बावजूद अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। 14 संस्थाओं के 715 प्रशिक्षणार्थी है, जिन्होने परेशान होकर नगरपरिषद का घेराव किया।