
कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर कस्बे के मन्दिरों में विशेष सजावट की गई तथा देर रात तक हरिनाम संकीर्तन एवं भजनों की सुर सरिता बहती रही। रात 12 बजे कृष्ण जन्म के बाद नन्दलाल की आरती पूजा अर्चना की गई। उसके बाद सभी को प्रसाद का वितरण किया गया। भगवान श्री कृष्ण को पालने में झूलाने वालों में होड़ लगी रही तथा मंगलवार को दिन भर यशोदानन्दन को पालना झूलाने के लिए लोग मन्दिरों में आते रहे। दुलियां बास स्थित संकट मोचन हनुमान मन्दिर में इस अवसर पर विशेष सजावट की गई।
मन्दिर में देर रात तक सुमधुर भजनों की स्वर लहरियां गुंजती रही तथा आस-पास के मौहल्लों के सैंकड़ों महिला एवं पुरूष तथा बच्चों ने देर रात तक मन्दिर में रूक कर कृष्ण जन्म और उसके बाद भगवान की आरती के दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया। कृष्ण जन्म के साथ नन्द के आनन्द भयो जै कन्हैया लाल की से मन्दिर गुंजायमान हो गया। मन्दिर के पुजारी सुरेश कुमार हरितवाल एवं रमेश कुमार हरितवाल सहित अनेक कृष्ण भक्त व्यवस्थाओं में जुटे हुए थे।