
पवित्र रमजान के अंतिम जुम्मे को कस्बे की सभी मस्जिदों में रोजेदारों ने अल्लाह की बारगाह में सजदा करने के साथ ही दुआओं के लिए हजारों हाथ उठे। रमजान माह के अंतिम जुम्मे को जुुम्मा-तुल-विदा कहा जाता है। यह जुम्मा सब जुम्मो का सरदार है। नगर की सभी 17 मस्जिदो में इस अवसर पर हजारो सिर अल्लाह की बारगाह में सज्दे में झुके तथा उससे दुगने हाथ दुआओ में उठेे।
मस्जिद इदगाह, मर्क जी मस्जिद, जन्नतअल फिरदोस, जुम्मा मस्जिद, मदीना मस्जिद, मोहम्मदी मस्जिद, मस्जिद आईशा, मस्जिद व्यापारीयन, होलीधोरा, तकिया बदरूदीन शाह, मस्जिद लीलगरान, तौकीर हसन, तगाला मस्जिद, बिसायतीयान मस्जिद, मस्जिद हासमी एवं हजरत कुतबुल मदार में रमजान शरीफ की विदाई के प्रतीक खुतबा माहे रमजान अलविदा खास तौर पर पढा गया। खुतबे के बाद जुम्मे की नमाज अदा की गयी। नमाज अदा करने के बाद रोजेदारों ने सामुहिक रूप से अपने द्वारा की गयी इबादतों की कबुलियत आपसी भाईचारा व जहती रोजे में बरकत तथा मुल्क में अमनो अमन की दुआ की।