युवक सेवा समिति के महासचिव सुरेन्द्र भार्गव ने राजस्थान राज्य पुलिस आयोग के सचिव को पत्र लिखकर पुलिस के उच्चाधिकारियों के कार्यालयों एवं पुलिस थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार तथा उत्पीडऩ को रोकने व पारदर्शिता लाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की है। पत्र में भार्गव ने लिखा है कि चूरू जिला पुलिस द्वारा विभिन्न कस्बों के सार्वजनिक स्थलों पर जनसहयोगसे सीसीटीवी कैमरे लगवाकर अपराधों पर अंकुश लगाने के बारे में प्रचारित किया जा रहा है।
पत्र में पुलिस थानों एवं उच्चाधिकारियों के कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगवाने को जनहित में बताते हुए लिखा है कि पुलिस द्वारा अपने ध्येय वाक्य आम जन में विश्वास – अपराधियों में भय के विपरित अवैद्य हिरासत में रखकर यातना देने, अपराधियों की आवभगत और दलालों की घुसपैठ कुछ अपवादों को छोड़ कर एक कड़वा सच है। पत्र में अजमेर बंधी प्रकरण, मौलासर थाने में 22 दिन तक एक महिला को अवैद्य हिरासत में रखकर ज्यादती करने जैसे उदाहरण पर्याप्त है।
परिवादियों को प्रताडि़त करना भ्रष्ट पुलिस अधिकारी अपना जन्म सिद्ध अधिकार समझते हैं। पत्र में लिखा है कि मौलासर प्रकरण में आरोपित पुलिस उप अधीक्षक वर्तमान में सुजानगढ़ में पदासीन है। पत्र में चूरू जिले में चोरों, चैन स्नेचरों भूमाफिया और शराब माफिया सहित अनेक माफिया का बैखोफ होना पुलिस की नाकाबिलियत और भ्रष्टाचार को इंगित करता है। पत्र में सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में सर्तकर्ता की विशेष शाखा खोलने तथा सहायक उपनिरीक्षक से लेकर जिला पुलिस अधीक्षक तक के अधिकारियों की प्रति माह मोबाईल कॉल डिटेल निकलवाने की मांग की गई है।