मुंगफली की बम्पर पैदावार के बाद कई दिनोंं तक दिन-रात भुखे-प्यासे रह कर समर्थन मूल्य पर मुंगफली बेचने के बाद किसान अब उसके भुगतान के लिए सहकारी समिति के चक्कर लगा रहे हैं। मुंगफली के भुगतान को लेकर दो दिनों से किसान समिति के सामने धरने पर बैठे हैं। गत नौ मार्च को केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर विक्रय के बाद किसान दो माह से क्रय-विक्रय समिति के चक्कर लगाने से परेशान किसानों का गुस्सा शुक्रवार फूट पड़ा और किसानों ने धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। किसानों का कहना है कि जिन किसानों की मुंगफली क्रय रजिस्टर में दर्ज और विक्रय पर्चियां कटी हुई है, चाहे उन पर क्रेता के हस्ताक्षर हो या ना हो, उन किसानों का भुगतान होना चाहिये।
किसानों का कहना है कि उन्होने टैक्स चुकाया है तथा तुलाई व पलदारी स्वयं वहन की है। किसानों का आरोप है कि समिति प्रशासन दोषी व्यवस्थापक को बचाने में लगा हुआ है। व्यवस्थापक करणीसिंह ने सहकारी समिति के उपरजिस्ट्रार को पत्र प्रेषित कर मुंगफली े भुगतान में आ रही समस्याओं के बारे में जानकारी देते हुए समाधान की मांग की है। पत्र में व्यवस्थापक ने लिखा है कि समर्थन मूल्य पर खरीद के दौरान जारी काफी विक्रय पर्चियों पर क्रय प्रभारी के हस्ताक्षर नहीं हैं। जबकि समिति के क्रय रजिस्टर में किसान का रिकार्ड संधारित है, परन्तु रजिस्टर में भी क्रय प्रभारी के हस्ताक्षर नहीं है। पत्र में व्यवस्थापक ने क्रय प्रभारी के हस्ताक्षर बगैर की पर्चियों का भुगतान करने में अपने को असमर्थ बताया है। सनद रहे कि गत दो जून को सहकारी समिति के संयुक्त रजिस्टार एन. के. मौर्या, विधायक खेमाराम मेघवाल, पूर्व प्रधान पूसाराम गोदारा व किसानों के बीच वार्ता हुई थी। जिसमें 5 जून से किसानो का बकाया भुगतान कर देने पर सहमति हुई थी। लेकिन भुगतान नहीं होने से किसान आका्रेशित होकर धरने पर बैठ गए। क्रय विक्रय सहकारी समिति के मुख्य व्यवस्थापक करणी सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार से बीस करोड़ 13 लाख का भुगतान आया हुआ है और किसानों को भुगतान कर रहे हैं।
लेकिन मुंगफली की खरीद में हुई अनियमितता के कारण भुगतान में बाधा आ रही है तथा भुगतान करने में वे असमर्थ हैं। करणी सिंह ने बताया कि कुल 933 किसानों की विक्रय पर्ची जारी की गई है। पर्चियों के अनुसार 391955 बोरियो की विक्रय पर्ची जारी की हुई है। जिप सदस्य पुसाराम गोदारा ने बताया कि किसानों को विक्रय पर्ची व रजिस्टर में इन्द्राज है, उन किसानों को भुगतान करना चाहिए। गोदारा ने कहा कि मुंगफली की बोरिया कम हुई तो विभागीय जांच कर सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए जिन किसानों ने मुंगफली की तुलाई करवा कर विक्रय पर्ची और टोकन ले रखे उन किसानों का भुगतान रोकना न्यायसंगत नही है। इस अवसर पर जिप सदस्य पूसाराम गोदारा, भंवरलाल ढ़ाका, सोहनलाल लोमरोड़, कानाराम लोमरोड़ सहित सैंकड़ों किसान उपस्थित थे।