नगर परिषद का गठन होने पर कस्बे के लोगों ने सोचा था कि शायद अब तो शहर की सफाई व्यवस्था सुचारू हो पायेगी। लेकिन परिषद का गठन होने के करीब एक साल बाद भी शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो रही है। शहर का एक भी मौहल्ला व वार्ड ऐसा नहीं है। जहां पर समुचित सफाई होती हो। गंदगी के ढ़ेरों व गंदगी से अटी पड़ी नालियों के कारण राहगीरों का सड़क मार्गों से निकलना दुभर हो रहा है। सफाई व्यवस्था चौपट होने के कारण पूरा नगर सड़ाध मार रहा है।
परिषद में तीन गुणा पद खाली..
केवल 11 कर्मचारियों के भरोसे नगरपरिषद चल रही है। परिषद में कार्यरत कर्मचारियों से तीन गुणा ज्यादा पद रिक्त होने से परिषद के रोजमर्रा के काम भी बाधित हो रहे हैं। इसके अलावा सफाई कर्मचारियों के पद भी काफी संख्या में खाली पड़े हैं। जिसके कारण सफाई व्यवस्था दिनो-दिन बिगड़ती जा रही है। नगर परिषद में अभी एक आयुक्त, सात एलडीसी, एक यूडीसी, एक आरओ तथा एक जेईएन सहित 11 कर्मचारी कार्यरत है। वहीं 40 वार्डों सहित लंबे चौड़े क्षेत्रफल वाले जिले के सबसे बड़े कस्बे में सफाई कार्मिकों की कमी भी भारी रुकावट है इसकी सुचारु सफाई व्यवस्था में। गत लंबे अर्से से करीब 70 से भी अधिक सफाई कार्मिकों की भर्तीयां अटकी पड़ी है। इसके लिए कई बार भर्तियों के प्रयास हो चुके हैं मगर नगर परिषद की ओर से कोई रुचि नहीं दिखाई जाने पर हर बार निराशा ही हाथ लगी है। पुराने कर्मचारियों के सेवानिवृत्त हो जाने व नई भतीयां नहीं होने से सफाई कर्मचारियों की संख्या बहुत कम रह गई है।
राजनीति के चलते नहीं हो पाई सफाई कर्मचारियों की भर्ती
राज्य सरकार ने नगरपालिका के समय यहां 33 सफाई कर्मचारियों की भर्ती करने के आदेश दिये थे। लेकिन दलों की आपसी खींचतान व आपस की प्रतिद्वंदता की राजनीति के कारण पदों के स्वीकृत होने के बाद भी आज दिन तक भर्ती नहीं हो पाई। इस भर्ती के लिए ना तो तत्कालीन विधायक मा. भंवरलाल मेघवाल और ना ही नगरपरिषद के सभापति डा. विजयराज शर्मा ने कोई रूचि दिखाई। जबकि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की सभी नगरपालिकाओं एवं नगरपरिषदों के रिक्त पदों की भर्ती की स्वीकृति प्रदान की थी। सम्भवतया: यह पहली नगरपरिषद है, जिसमें एक भी भर्ती नहीं हो पाई।
सफाई ही नहीं ये काम भी बाधित..
परिषद में स्टाफ की कमी के कारण भू उपयोग, आबादी, कृषि भूमि नियमन, प्राधिकृत अधिकारी, पट्टा जारी करना, निर्माण कार्यों की स्वीकृति देना, स्वीकृत एवं निर्माण कार्यों की मोनेरटिंग करना, विकास योजनाओं के कार्य, बीपीएल परिवारों को लाभ की योजना, जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रेशन, लोकसेवा गारंटी, आरटीआई, राशनकार्ड, विवाह पंजीयन, लोक ायुक्त, सीएमओ एवं अन्य विभागों के पत्रों का समय पर जबाब देना, पेंशन, खाद्य सुरक्षा अधिनियम, अवैध निर्माण, अतिक्रमण व लेखा संबंधित कई कार्य बाधित होते हैं।
केस-1
राजीव गांधी कॉलोनी जहां पर गत कई माह से कचरा नहीं उठा है वहीं गंदे पानी की निकासी के अभाव में मोहल्ले में जमा पानी सड़ांध मार रहा है जिसके चलते यहां के लोगों का जीना मुहाल हो रखा है। मोहल्लेे के सेवानिवृत व्याख्याता एनके शर्मा ने बताया कि सफाई व्यवस्था व गंदे पानी की निकासी की मांग को लेकर वार्ड पार्षद से लेकर परिषद के आयुक्त तक को कई बार मौखिक व लिखित में गुहार लगाने के बाद भी अभी तक कोई सुनावई नहीं हुई है।
केस-2
नलिया बास के पास फाटक नंबर तीन के पास गत कई माह से कचरे के ढ़ेर लगे हैं,मोहल्ले के लोगों ने कई बार पार्षद सहित परिषद के अधिकारियों व कार्मिकों को अवगत करवाया मगर स्थिति में अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है। इसके अलावा भी सब्जी मंडी,स्टेशन रोड़ सहित कस्बे के अनेक स्थान सफाई व्यवस्था के लिए तरस रहे हैं।
केस-3
गांधी बस्ती में अम्बेडकर भवन से पहले पिछले कईं वर्षोँ से गंदगी का ढ़ेर लगा हुआ है। उसके लिए कईं बार मौहल्लेवासियों द्वारा लिखित एवं मौखिक रूप से परिषद के अधिकारियों व कर्मचारियों का अवगत करवाया गया है। जिसके बाद भी आज दिन तक उसे उठाने के लिए परिषद द्वारा कोई प्रयास नहीं किये गये।
खुले चैम्बर दे रहे हैं हादसों को निमंत्रण
शहर के मुख्य मार्गो पर खुले पडे चेम्बर हादसे को निमन्त्रण दे रहे है। शहर स्टेशन रोड स्थित कनोई बिल्डिग के पास शमसान घाट रोड के मुख्य चोराहे पर तीन चेम्बर खुले होने से आए दिन वाहन के टायर फंसने की घटनायें आम हो गई है। लोगों ने बताया कि खुले चेम्बर होने से छोटे वाहन व दुपहिया वाहन के चेम्बर गिरने की घटना अमूमन घटित होती रहती है। वृद्ध महिलाए में खुले चेम्बर में पैर फिसलने की घटना से कई महिलाओ के पैर फेक्चर हो गए है। शमसान जाने वाले रास्ते के नाले के चेम्बर खुले पडे होने से लोगो को भारी परेशाानी का सामना करना पड रहा है । कनोर्ठ बिल्उिग के सामने छोटे बडे वाहन खडे रहते वाहनो को आगे पीछे करने पर कभी कभार खुले चेम्बर में टायर फंसने वाहन चालको को भारी दिक्कतो का सामना करना पड रहा है। मौहल्लेवासियों ने बताया कि नगर परिषद को लिखित व मौखिक निवेदन करने के बावजूद भी नगर परिषद खुले चेम्बरो को बंद नही करवा रही है। खाण्डल भवन के पास चेम्बर खुला पडा है। रामनिवास स्वामी, नेमाराम जागीड, जावेद, सुरेश गौड ने नगरपरिषद से मांग की है कि खुले पडे चेम्बरो को तत्काल बंद करवाए ।
इनका कहना है: सफाई व्यवस्था में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। परिषद में सफाई कार्मिकों की भारी कमी है। सरकार के आदेश के बाद रिक्त पदों पर नए कार्मिकों भर्ती की जाएगी।
अंबरीश कुमार गुप्ता,आयुक्त नगर परिषद सुजानगढ़