तेन्दुए ने मचाया जैतासर की रोही में आतंक

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क्षेत्र के गांव जैतासर की रोही में रविवार तड़के एक तेंदुए ने जम कर आतंक मचाते हुए दो ग्रामीणों को झपट्टा मार कर घायल कर दिया और पांच भेड़-बकरियों को अपना शिकार बना लिया। जैतासर की रोही में तेंदुए की उपस्थिति एवं उसके आतंक की सूचना मिलते ही वन विभाग व प्रशासन सकते में आ गया तथा आनन-फानन में तेंदुए को पकडऩे की कवायद शुरू हुई। जो दोपहर तीन बजे जयपुर से पंहूची रेसक्यू टीम द्वारा ट्रेंक्यूलाईज कर काबू में करने पर ही पूरी हुई।

आठ घंटे तक सांसों को ऊपर-नीचे करते हुए दिन भर लोगों के आकर्षण व रोमांच का केन्द्र बने तेन्दुए के काबू में आने के बाद ही प्रशासन व ग्रामिणों ने राहत की सांस ली। मौके पर उपस्थित ग्रामिणों से मिली जानकारी के अनुसार रविवार अलसवेरे तेंदुआ जैतासर रोही स्थित चूनाराम नैण की ढाणी पहुंचकर वहां बाड़े में बंधी पांच भेड़-बकरियों को उसने अपना शिकार बना लिया। ढाणी में बसे लोगों ने जब पशुओं का शोर शराबा सुना तो वे बाड़े पर पंहूचे तब तक तेंदुआ वहां से भाग गया। पद चिन्हों का पीछा करते हुए ग्रामीण जब पाबूजी के मन्दिर पंहूचे तो तेन्दूआ मन्दिर के पास दिखाई दिया। उसके बाद सुबह करीब सात बजे तेंदुआ हड़मानसिंह की ढाणी में पहुंचकर झोंपड़ी में बैठ गया तथा अपना खेत सम्भालने आई महिला फूलकंवर पर हमला कर घायल कर दिया। जिस पर महिला की आवाज सुनकर खेत में रोहिड़ा काट रहे प्रहलादसिंह ने बीच बचाव कर महिला को बचाया। उसके पश्चात तेंदुआ वहां से गोविन्दराम डूखिया के खेत में घुसा और आसाराम नैण पर हमला कर दिया। इस दौरान मौके पर मौजूद श्रवण मेघवाल ने बीच बचाव कर आसाराम को तेंदुए के चंगुल से मुक्त करवाया।

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ढाणी में बसे लोगों ने तेंदुए के आतंक की सूचना गांव के हरिराम नैण को दी जिसने करीब आठ बजे वन विभाग व पुलिस प्रशासन को घटना की जानकारी दी। तेन्दुए की उपस्थिति एवं उसके आतंक की सूचना मिलते ही छापर थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई मय जाब्ते के मौके पर पहुंचे तथा घायल ग्रामीणों को छापर के राजकीय अस्पताल पहुंचाया। जहां पर उनका प्राथमिक उपचार किया गया। बाद में वन विभाग के सहायक वन संरक्षक सूरतसिंह पूनिया के नेतृत्व में वन विभाग की टीम भी दल बल के साथ मौके पर पहुंची लेकिन तब तक तेंदुआ सांवतसिंह भाटी की ढाणी में बने एक झोंपड़े में घुस गया। तेंदुए की आतंक की सूचना मिलते ही चूरू उपवन संरक्षक हेतराम मूण्ड, तहसीलदार टी.सी. बंसल, नायब तहसीलदार गणेशीलाल, पशु चिकित्सक पवन मेनरो भी मौके पर पहुंच गये तथा हालात पर काबू पाने का प्रयास किया। उधर तेंदुए के खौफ से दहशत में आये ग्रामीणों में भगदड़ मच गई। इस दौरान हजारों की संख्या में ग्रामीण हाथों में लाठियां लेकर जैतासर की रोही में पहुंच गये।

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जयपुर के रेस्क्यू दल ने पाया काबू
सहायक वन संरक्षक सूरतसिंह पूनियां ने तेंदुए के आतंक की सूचना जयपुर के रेस्क्यू दल तक पहुंचाई। सूचना मिलने के बाद करीब तीन बजे जैतासर की रोही पंहूचे रेस्क्यू दल में शामिल डॉ. अरविन्द माथुर, वन रक्षक सुरेश कुमार व वाहन चालक राजेन्द्रसिंह ने करीब डेढ़ घण्टे की मशक्कत के बाद झोंपड़े में बैठे तेंदुए पर ट्रेकुलाइज गन से तीन वार कर बेहोश किया तब जाकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। बाद में करीब पांच बजे निश्चेतन किये हुये तेंदुए को तालछापर अभयारण्य लाया गया जहां से उसे पिंजरे में कैद कर जयपुर के लिए रवाना किया गया।

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