कस्बे के व्यापारी व भाजपा कार्यकर्ता राजकुमार तंवर ने चिकित्सा मंत्री के नाम जिला कलेक्टर एच.एस. मीना को एक ज्ञापन सौंपकर राजकीय बगडिय़ा चिकित्सालय में बढ़ रही अनियमितताओं को सुधारने एवं चिकित्सकों व कर्मचारियों पर सख्त कार्यवाही करने की मांग की है। तंवर ने ज्ञापन में लिखा है कि पिछले दिनों उसकी पत्नि की छाती में दर्द आने पर एक अप्रेल को सुबह पौने पांच बजे में अस्पताल पंहूचा। चिकित्सालय में जवाब देने के लिए स्टाफ के उपस्थित नहीं होने पर डा. दिलीप सोनी के क्वार्टर पर गया और कईं बार घंटी बजाई व आवाज लगाई।
लेकिन डा. सोनी ने दरवाजा नहीं खोला। इसी प्रकार करीब दो माह पहले पंकज घासोलिया की पत्नि के साथ भी ऐसी ही स्थिति होने पर डा. सोनी ने इसी प्रकार गलत व्यवहार किया था। ज्ञापन में लिखा है कि डा. दिलीप सोनी व डा. एन.के. प्रधान कईं वर्षोँ से चिकित्सालय में पदासीन होने के कारण जनता के साथ मनमानी कर रहे हैं। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि चिकित्सालय में हुई तोड़-फोड़ का कारण भी डा. सोनी का मृतक के परिजनों के साथ गलत व्यवहार ही था। जिसके बाद डा. सोनी व उनकी पत्नि द्वारा कस्बे के कुछ नागरिकों व मृतक के परिजनों के खिलाफ झूठा मुकदमा करवाया है।
ज्ञापन में आरोप है कि डा. एन.के. प्रधान व राजेश गौड़ व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डा. सोनी को उकसाकर मुकदमा करवाया है। चिकित्सालय के राजनीतिकरण करने का आरोप चिकित्सकों पर लगाते हुए ज्ञापन में लिखा है कि पुलिस पर दबाव बनाकर कस्बे के कुछ नागरिकों को फंसाकर उन्हे परेशान कर रहे हैं। ज्ञापन में आरोप है कि इस मुकदमें की आड़ में पुलिस दुकान पर बैठे व्यापारियों को भी बेवजह परेशान कर रही है। ज्ञापन में भाजपा नेताओं की चिकित्सकों के साथ सांठ-गांठ होने एवं पुलिस के सिपाहियों द्वारा थानाधिकारी के लिए दलाली करने के आरोप भी लगाये गये हैं। ज्ञापन सौंपने गये प्रतिनिधि मण्डल में अनिल घासोलिया, हिमांशु घासोलिया, वैद्य भंवरलाल शर्मा, महेश जोशी, हेमराज माली सहित अनेक लोग शामिल थे।