गत 7 अप्रेल को कुईं धंसने से हुई श्रमिक की मौत के जिम्मेदार चिकित्सकों एवं कर्मचारी नेताओं के विरूद्ध कार्यवाही करने तथा मृतक के परिजनों को सहायता राशि जारी करने की मांग को लेकर कस्बेवासियों ने जिला कलेक्टर एच.एस. मीना को उपखण्ड कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में लिखा है कि गत सात अप्रेल को मुकेश मुन्दडा के निमार्णाधीन मकान की कुई की खुदाई करते समय मिट्टी धंसने से उसमें मंजुर अली व अनवर धंस गये।
जिन्हे स्थानीय लोगों ने बाहर निकाला तथा राजकीय बगडिय़ा चिकित्सालय ईलाज के लिए ले गये। जहां पर चिकित्सक के नहीं मिलने एवं उपस्थित स्टाफ द्वारा सन्तोषजनक जवाब नहीं दिये जाने सरकारी क्वार्टर में निवास कर रहे चिकित्सक डा. दिलीप सोनी को बुलाने गये, लेकिन वे अपने आवास पर निजी मरीजों को देखते रहे। इसमें उन्होने करीब आधा घंटे का समय लगा दिया। इलाज में देरी करने के कारण घायल मंजुर अली की मृत्यु हो गई। तत्पश्चात डॉक्टरों की लापरवाही देखकर दूसरे मजदूर अनवर को लाडनूं ले जाया गया, जहां पर उसका ईलाज हुआ। ज्ञापन में लिखा है कि डॉक्टरों की लापरवाही एवं उनके दुर्रव्यवहार के कारण भीड़ ने तोड़-फोड़ की। तब डॉक्टरों ने अपने कृत्य के लिए माफी मांगी तथा आईन्दा इलाज में देरी नहीं करने का आश्वासन भी दिया। अगले दिन 8 अप्रेल को कर्मचारी नेताओं ने डॉक्टरों एवं नर्सिंग स्टाफ को उकसाकर मनगढ़त एवं झूठे तथ्य अंकित करवाकर मुकदमा दर्ज करवा दिया।
ज्ञापन में लिखा है कि प्रशासन ने मृतक मंजूर अली व घायल अनवर के परिवार की सुध नहीं ली, बल्कि उनके परिवार एवं रिश्तेदारों को कानूनी उलझन में फंसाकर जेल भिजवा दिया। ज्ञापन में मृतक व घायल मजदूरों के परिजनों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता राशि जारी करवाने एवं प्रकरण की निष्पक्ष जांच करवाने और गिरफ्तार लोगों को आरोप मुक्त करने और माहौल बिगाडऩे के दोषियों पर कार्यवाही करने तथा ईलाज में लापरवाही बरतने एवं दुर्रव्यवहार करने वाले चिकित्साकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने गये प्रतिनिधि मण्डल में शाहिद खान, इकबाल खान, रज्जाक खान, मनसब खान, सतार खान, बबलू खान, फारूक छींपा, साजिद जोधा, बिलाल भाटी, मो. सफी, जावेद खान, आरीफ खान, शहजाद खान सहित सैंकड़ों लोग शामिल थे।