सरकारी अस्पताल व चिकित्सक के आवास पर तोड़-फोड़ प्रकरण में निर्दोष लोगों को गिरफ्तार नहीं करने की मांग करते हुए लोगों ने उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। मो. रमजान, अब्दूल अजीज, फिरोज खान, तब्बसुम, समीम, रूकसाना, आबिद, जरीना सहित अनेक लोगों के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन पर लिखा है कि 7 अप्रेल को मुकेश मून्दड़ा के घर पर कुई खोदते समय मिट्टी धंसने से घायल हुए श्रमिकों को अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ ने कोई ध्यान नहीं दिया। ज्ञापन में आरोप है कि डॉक्टर अपने प्राईवेट रूम में मरीजों को देखते रहे तथा जानबुझकर लापरवाही व त्रुटि मनमर्जी कर डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं किया।
जिसके कारण घायल मंजूर अली की मृत्यु हो गई। ज्ञापन में लिखा है कि अस्पताल का समय समाप्त होने के बाद हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है तथा धन कमाने के लिए प्राईवेट तौर मरीजों देखना पड़ता है। सरकार हमें 24 घंटे की तनख्वाह नहीं देती है। ज्ञापन में आरोप है कि चिकित्सकों ने यह कहते ह़ुए घायल अनवर का इलाज करने से मना कर दिया कि हॉस्पीटल का समय पूरा हो चूका है, इस घायल को किसी प्राइवेट हॉस्पीटल में ले जाओ। जन साधारण द्वारा नाराजगी व्यक्त व्यक्त करने पर चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ ने मौखिक माफी मांग ली। इसके दूसरे दिन डा. चैनरूप सेठिया, डा. दिलीप सोनी व उनकी पत्नि मंजू सोनी, राजेश गौड़ व अन्य स्टाफ तथा अन्य राजनैतिक पंहूच रखने वाले लोगों से मिलीभगत कर षडय़न्त्र रचकर धन ऐंठने की कुचेष्ठा से तथा चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही, त्रुटि, मनमानी के कारण घायल मंजूर अली की मौत होने एवं दूसरे घायल अनवर का ईलाज नहीं करने के कृत्य के बारे में उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही नहीं हो जाये। इसलिये गलत, मनगढ़ंत झूठे तथ्य अंकित करते हुए दो एफआईआर सुजानगढ़ थाने में दर्ज करवाई है।
ज्ञापन में लिखा है कि चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ व राजनैतिक पंहूच वाले व्यक्तियों से पुलिस पर नाजायाज दबाव डालकर भोले-भाले लोगों व मृतक मंजूर अली व घायल अनवर के परिजनों को पुलिस द्वारा तंग व परेशान किया जा रहा है तथा गलत तौर पर झूठे मुकदमें में फंसाकर निर्दोष लोगों को गिरफ्तार करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं। ज्ञापन में लिखा है कि प्रशासन ने आज दिन तक मृतक मंजूर अली के परिजनो की कोई सुध नहीं ली है। ज्ञापन में दोषी चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, के विरूद्ध कड़ी विभागीय व कानूनी कार्यवाही एवं जांच करने तथा पुलिस पर अनुचित दबाव बनाया जाना बंद करने और निर्दोष लोगों को पुलिस द्वारा तंग व परेशान नहीं करने निर्दोषों को झूठे मुकदमेें में फंसाकर गिरफ्तार नहीं करने की पुख्ता व्यवस्था करने की मांग की है।