नियंत्रित अलगाव से सामाजिक, पारिवारिक व व्यक्तिगत विकास

Sonadevi-Sethia-Girls-College

सोनादेवी सेठिया कन्या महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार के दूसरे दिन प्लेनरी सेशन के अध्यक्ष राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा के राजेश लिडिया ने कहा कि भारती मुखर्जी के नॉवेल वाइफ में एलीनेशन की थीम को स्थापित किया। उन्होने नॉवेल में महिलाओं द्वारा अनुभव किये गये विभिन्न पहलूओं पर प्रकाश डाला। राजकीय महाविद्यालय डीडवाना की व्याख्याता एवं प्लेनरी स्पीकर डा. मोना शर्मा ने भारतीय आंग्ल उपन्यासकारों के विभिन्न चरित्रों के माध्यम से एलीनेशन (अलगाववाद)के बहुआयामी कारणों, परिणामों एवं उनके उन्मूलन पर अपने विचार रखे।

दूसरे सत्र के अध्यक्ष राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर के व्याख्याता डा. सुमेरसिंह ने ने एलीनेशन की संकल्पना पर प्रकाश डालते हुए अंग्रेजी साहित्य में उपयोग किये जाने पर विस्तार से उल्लेख किया। प्रसिद्ध अंग्रेजी उपन्यासकार अनिता देसाई के लेखन में एलीनेशन थीम के प्रयोग को विस्तृत समझाया। राजकीय महाविद्यालय सीकर की व्याख्याता एवं प्लेनरी स्पीच मालती शर्मा थी। तकनीकी सत्रकी अध्यक्षता करते हुए मोदी डीम्ड युनिर्वसिटी लक्ष्मणगढ़ के एसोसियट प्रो. डा. अशोकसिंह राव ने अलगाव की विषय वस्तु को भी कुछ हद तक मानव विकास के लिए उचित ठहराया। नियंत्रित अलगाव रहे तो सामाजिक, पारिवारिक व व्यक्तिगत विकास को पंख लगते हैं। उन्होने कहा कि अलगाव केवल हदें पार करने पर ही नकारात्मक होता है। इस अवसर पर डा. गोविन्द सारस्वत ने अपने उद्बोधन में अफ्रो-अमेरिकन साहित्य में जेम्स बाल्डविन के उपन्यासों और निबन्धों में एलीमेशन शब्द को निरूपित किया। उनहोने बताया कि अफ्रो -अमेरिकन स्वयं को जड़ों से दो बार अलग मानते हैं।

डा. सम्मी सिहोटिया, डा. परीक्षित झाला, डा. मिनाक्षी तथा महाविद्यालय की छात्राओं धनवन्ती रांकावत व कोमल सोमड़वाल ने अपने शोद्यपत्र प्रस्तुत किये। समापन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कमला नेहरू कॉलेज फॉर विमन के डायरेक्टर प्रो. सुधि राजीव ने मुख्य थीम एवं सभी विषयों पर प्रकाश डाला। मुख्य रूप से दलित और सबआलर्टन साहित्य के परिपेक्ष्य में विषय की व्याख्या की। उन्होने माक्र्स के नीयो-केपीटलिज्म को जोड़ते हुए एक नये प्रकार के एलीनेशन जो कि मार्केट इकोनॉमी से आज के समाज से उत्पन्न हुई है, के बारे में बताया। जयनारायण विश्वविद्यालय जोधपुर के डा. सतीश कुमार हरित विशिष्ट अतिथि थे। इस अवसर पर सेमीनार के लिए सहयोग करने वालों का सम्मान किया गया। प्राचार्या डा. मधु मंजरी दूबे, निदेशिका सन्तोष व्यास, सचिव एन.के. जैन ने आगन्तुक विद्वानों को फूलमाला भेंटकर स्वागत किया। संचालन सहसमन्वयक चित्रा दाधीच ने किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here