बिना टोकन तथा पंचायत वार मुंगफली की तुलाई करने की मांग को लेकर किसानों ने कृषि उपज मण्डी में प्रदर्शन किया। जिसके कारण शुक्रवार को मुंगफली की तुलाई नहीं हो सकी। गुरूवार देर शाम से शुक्रवार सुबह तक टोकन और बिना टोकन की मुंगफली से भरे ट्रक, पिक-अप आदि वाहनों की मण्डी के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क के दोनो तरफ करीब एक किलोमीटर लम्बी कतारें लग गई। जिसके कारण बसों एवं अन्य वाहन चालकों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ा। किसानो द्वारा मण्डी के मुख्य दरवाजे के सामने आड़े-तिरछे मुंगफली से लदे वाहन खड़े करने के कारण अन्य वाहनों का मण्डी में प्रवेश बंद हो गया।
अत्यधिक मुंगफली से लदे वाहनों की आवक होने के कारण मंडी प्रशासन ने मुख्य दरवाजे को बंद कर दिया। दिन भर प्रशासन व किसानों के बीच कशमकश चलती रही। एक ओर किसान जहां पंचायतवार मुंगफली खरीदने की जिद पर अड़े थे, वहीं दूसरी ओर प्रशासन जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार की गई टोकन व्यवस्था के माध्यम से मुंगफली की तुलाई करने पर आमादा था। दिसम्बर से टोकन लिये किसान प्रशासन से टोकन से खरीददारी व तुलाई करवाने की मांग कर रहे थे।
शाम होते -होते किसानों ने प्रशासन के खिलाफ नारे बाजी की तथा शाम तक किसी प्रकार का कोई निर्णय नहीं हो पाया। मण्डी में किसानों से वार्ता करने उपखण्ड अधिकारी फतेह मोहम्मद खान, तहसीलदार सुरेन्द्र प्रसाद, नायब तहसीलदार, सालासर थानाप्रभारी कमलकुमार के अलावा केशराराम गोदारा, केशरसिंह राठौड़, भगवानाराम ढ़ाका, हनुमानाराम सहित अनेक किसान उपस्थित थे।